MP News: देश में एक तरफ प्रधानमंत्री आवास को लेकर सरकार तमाम दावे करती है. इन दावों के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीब हितग्राहियों को रहने के लिए आवास दिया जाता है. लेकिन मध्य प्रदेश में इस आवास का उपयोग रहने के बजाय शराब दुकान के लिए किया जा रहा है.
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दरअसल रायसेन के पठारी गांव में शराब का ठेका पीएम आवास में चल रहा है. उस पीएम आवास में जो बेघरों के रहने के लिए बनता है. लेकिन आबकारी विभाग की लापरवाही की वजह से पीएम आवास में ही शराब की दुकान खोलने का लाइसेंस दे दिया गया. मामला उजागर हुआ और आबकारी विभाग की किरकिरी हुई तो अधिकारियों की नींद खुली.
मामले को लेकर क्या बोले अधिकारी?
मामला सामने आने के बाद अब आबकारी विभाग के अधिकारी जानकारी ना होने का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ लिया है. सुदीप तोमर ADO आबकारी अधिकारी ने बताया कि "मामला आज ही समाचार में समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ है. और, हमारी जानकारी में आज ही आया है. इसके लिए हम ठेकेदार को लाइसेंसी है. उसको आज नोटिस जारी कर रहे हैं. और जो उपनिरीक्षक हैं रायसेन के जांच करके जल्द ही प्रतिवेदन देंगे. उन्होंने कहा कि "जांच हो जाने दीजिए इसके बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा"
खुले आम उड़ रही नियमों की धज्जियां
इस शराब के ठेके के लिए नियमों का खूब माखौल उड़ाया गया. पीएम आवास वाली लापरवाही के अलावा शराब की दुकान हाईवे से 100 मीटर के दायरे में भी है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की माने तो अगर हाईवे के पास आबादी 20000 से कम हो तो शराब की दुकान 220 मीटर की दूरी पर होना चाहिए. फिलहाल आपकारी विभाग की यह लापरवाही अब जगजाहिर हो गई है. और, अधिकारी विभाग के बचाव में जुटे हुए हैं.
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