Sagar News: स्कूल की आड़ में चल रहा था अवैध मदरसा, बाल संरक्षण आयोग की जांच में हुए बड़े खुलासे

हिमांशु शिवा

10 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 10 2024 3:50 PM)

Sagar News: एमपी के सागर की परसोरिया में मौलाना आजाद मिडिल स्कूल को सिर्फ स्कूल चलाने के अनुमति है.लेकिन यहां मध्य प्रदेश का शायद सबसे बड़ा अवैध मदरसा चलाया जा रहा था. इसका खुलासा तब हुआ जब राज्य बाल आयोग की टीम यहां निरीक्षण के लिए पहुंची.

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Sagar News: एमपी के सागर की परसोरिया में मौलाना आजाद मिडिल स्कूल को सिर्फ स्कूल चलाने की अनुमति है.लेकिन यहां मध्य प्रदेश का शायद सबसे बड़ा अवैध मदरसा चलाया जा रहा था. इसका खुलासा तब हुआ जब राज्य बाल आयोग की टीम यहां निरीक्षण के लिए पहुंची.

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खुलासा होते ही हड़कंप मच गया है. स्कूल की मान्यता भी 8 वीं तक है. लेकिन यहां फर्जी तरीके से 9वीं और 10वीं की कक्षाएं भी लगाई जा रही हैं. स्कूल की यूनिफॉर्म भी कुर्ता-पायजामा और जालीदार टोपी है. अधिकांश बच्चे इसी यूनिफॉर्म में स्कूल में मिले. छात्रावास को इबादतखाना बना रखा था. खाना खाने और पढ़ने के स्थान पर मस्जिद है. शिक्षा विभाग से अनुमति स्कूल चलाने की है लेकिन यहां अवैध तरीके से मदरसा चलते हुए मिला.

बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को जिले के मदरसों व स्कूलों का औचक निरीक्षण किया गया. टीम सबसे पहले परसोरिया स्थित मौलाना आजाद मिडिल स्कूल पहुंची. यहां निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिलीं. स्कूल की आड़ में अवैध तरीके से मदरसा संचालित पाया गया. यहां पर 365 बच्चे थे.

मदरसे में स्थानीय बच्चों को एडमिशन नहीं?

बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि यह मप्र का सबसे बड़ा अवैध मदरसा है. स्कूल के पास शिक्षा विभाग से 8वीं तक की ही मान्यता थी. लेकिन 9वीं- 10वीं की कक्षाएं भी लगाई जा रहीं थीं. यहां जो छात्रावास है, वह इबादतखाना है. बच्चे जहां खाना खाते हैं और पढ़ते हैं, वहां मस्जिद है. मान्यता स्कूल चलाने की है, लेकिन बिना अनुमति मदरसा चलता पाया गया.

निरीक्षण में सामने आया है कि यहां स्थानीय बच्चों के एडमिशन नहीं है. स्कूल में कहां के बच्चों को एडमिशन दिया गया है. इसका रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. कुछ बच्चे ऐसे भी मिले जिनका नाम मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना में होना चाहिए. लेकिन नहीं है. ओंकार सिंह ने कहा कि जांच के बाद संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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