पांढुर्णा के बाद क्या छिंदवाड़ा में से बनेगा एक और नया जिला, जानें किस विधानसभा क्षेत्र को जिला बनाने चल रही तैयारी

रवीशपाल सिंह

25 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 25 2024 8:24 PM)

Chhindwara: विधानसभा चुनाव से पूर्व छिंदवाड़ा को तोड़कर पांढुर्णा जिला बनाया गया था. लेकिन एक बार फिर से छिंदवाड़ा में से एक और नया जिला बनाने की चर्चा चल रही है और इसके लिए मप्र सरकार ने कोशिशें भी शुरू कर दी हैं.

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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विधानसभा चुनाव से पूर्व छिंदवाड़ा को तोड़कर पांढुर्णा जिला बनाया गया था

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एक बार फिर से छिंदवाड़ा में से एक और नया जिला बनाने की चर्चा चल रही है

Chhindwara: विधानसभा चुनाव से पूर्व छिंदवाड़ा को तोड़कर पांढुर्णा जिला बनाया गया था. लेकिन एक बार फिर से छिंदवाड़ा में से एक और नया जिला बनाने की चर्चा चल रही है और इसके लिए मप्र सरकार ने कोशिशें भी शुरू कर दी हैं. इस नए जिले का नाम होगा जुन्नारदेव. छिंदवाड़ा के विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव को भी अलग जिला बनाने के प्रयास मप्र सरकार ने शुरू कर दिए हैं.

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इस संबंध में मप्र शासन की ओर से छिंदवाड़ा कलेक्टर को पत्र लिख गया है और उनसे जुन्नारदेव को जिला बनाने के लिए जरूरी सभी प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा गया है. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव से पूर्व छिंदवाड़ा को तोड़कर पांढुर्णा जिला बनाया गया था. इसमें सौंसर का इलाका भी शामिल किया गया था. लेकिन एक बार फिर से छिंदवाड़ा के और हिस्से कर नया जिला बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है.

कुल मिलाकर मप्र की मोहन यादव सरकार अब कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के लिए छिंदवाड़ा में किसी भी तरह की राजनीतिक गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहती है. छिंदवाड़ा यदि कई जिलों में बंट जाएगा तो इससे कमलनाथ और कांग्रेस यहां पर और अभी अधिक कमजोर हो जाएगी. फिलहाल इस मामले पर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.

जुन्नारदेव जिला बनाने के लिए सरकार है गंभीर

जुन्नारदेव को नया जिला बनाने के लिए मप्र की मोहन यादव सरकार बेहद गंभीर है. वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द जुन्नारदेव को नया जिला बना दिया जाए. इसलिए खुद सीएम कार्यालय इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और छिंदवाड़ा कलेक्टर से तत्काल प्रभाव से जरूरी सभी प्रस्ताव भेजने को बोला गया है.

आपको बता दें कि यदि जुन्नारदेव भी जिला बन गया तो यह मप्र का 56 वां जिला हो जाएगा. इससे मप्र में और भी नए अधिकारियों को पोस्टिंग मिलेगी और स्थानीय लोगों को उनके नजदीक सरकारी कार्यालय मिल जाएंगे. प्रमोटी अधिकारियों को कलेक्टर-एसपी बनने का अवसर मिलेगा और माना जाता है कि स्थानीय लोगों के रोजमर्रा के काम तेजी से हो सकेंगे.

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