Kuno National Park: मध्यप्रदेश के लिए बुधवार का दिन बड़ी खुशखबरी लेकर आया और ये खुशखबरी आई है श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से. वहीं कूनो नेशनल पार्क जहां पर चीतों का पुनर्वास भारत सरकार ने पिछले साल बड़े जोर-शोर से किया था. उस कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता आशा ने तीन नन्हे शावकों को जन्म दिया है और इसकी वजह से कूनो नेशनल पार्क में चीतों का कुनबा बढ़कर 18 तक हो गया है.
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तीन नन्हें शावकों के वीडियो और फोटो सामने आते ही देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई, खासतौर पर उस वर्ग में जो कूनो नेशनल पार्क में चीतों के पुनर्वास प्रोजेक्ट से सीधे जुड़े हुए थे. केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी एक्स पर पोस्ट करके अपनी खुशी जाहिर की है.
केंद्रीय वन मंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए क्या कहा
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पोस्ट करके लिखा है कि ‘यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कूनो नेशनल पार्क ने तीन नए सदस्यों का स्वागत किया है. शावकों का जन्म नामीबियाई चीता आशा से हुआ है. यह प्रोजेक्ट चीता के लिए एक बड़ी सफलता है, जिसकी परिकल्पना पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के लिए प्रधान मंत्री श्री @नरेंद्र मोदी जी ने की थी. परियोजना में शामिल सभी विशेषज्ञों, कुनो वन्यजीव अधिकारियों और भारत भर के वन्यजीव उत्साही लोगों को मेरी ओर से बहुत-बहुत बधाई’.
कूनो के अधिकारियों के मुताबिक आशा ने संभवतया 26 दिसंबर को इन शावकों को जन्म दिया है, क्योंकि सभी शावकों की आंखें खुल चुकी है. आंखे खुलने में एक सप्ताह का समय लगता है. यहां बतादे कि प्रोजेक्ट चीता के तहत 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से 8 चीते लाए गए थे, जिनमें मादा चीता आशा भी थी. आशा अभी बड़े बाड़े में बंद है और गत 26 दिसंबर को 3 शावकों को जन्म दिया है. इससे पहले पिछले साल 24 मार्च को मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था, जिसमें से 3 की मौत हो गई, जबकि एक शावक अभी जीवित है और अब 9 माह का है.
देखें तीनों शावकों का एक्सक्लूजिव वीडियो
कूनो में अब कुल 18 हो गए चीता
कूनो नेशनल पार्क में अब कुल 18 चीते हो गए हैं. इनमें पहले 14 वयस्क और एक शावक मौजूद है, जबकि 3 शावक अब हो गए हैं. लिहाजा चीतों की कुल संख्या 18 हो गई है. 2 वयस्क चीते पवन और वीरा अभी खुले जंगल में हैं.
आपको बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में देश की पहली चीता सफारी बनने बनने जा रही है. यहां पर पर्यटकों के लिए सेसईपुरा में कूनो नदी क्षेत्र को शामिल कर चीता सफारी विकसित की जाएगी. इसका प्रस्ताव सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पास भेजा गया था, जिसे कूनो फेस्टिवल के पहले स्वीकृति मिल गई है. अब जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट पर करीब 50 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
मार्च 2023 में सियाया, जिसे बाद में ज्वाला नाम दिया गया, उसने चार शावकों को जन्म दिया था, लेकिन उनमें से केवल एक ही जीवित बचा था. ज्वाला को भी नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाया गया था.
इनपुट: श्योपुर से खेमराज दुबे
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