गौ-वंश की रक्षा को लेकर मोहन सरकार का बड़ा फैसला, नए कानून के तहत होगी 7 साल की सजा, जानें क्या हैं नियम

रवीशपाल सिंह

18 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 18 2024 9:07 PM)

MP News: मध्य प्रदेश में अब गौ तस्करों की खैर नहीं ये बात हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि मोहन यादव सरकार ने गौ तस्करी को लेकर कड़ा रूख अख्तियार किया है.

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MP News: मध्य प्रदेश में अब गौ तस्करों की खैर नहीं ये बात हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि मोहन यादव सरकार ने गौ तस्करी को लेकर कड़ा रूख अख्तियार किया है. मोहन सरकार की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. उस विधेयक के लिए जो हाल के मौनसून सत्र में लाया गया था. विधान सभा से विधेक पारित हो गया था. इंतजार था राज्यपाल की सहमती के बाद इसके नोटिफिकेशन जारी होने का और अब नोटिफिकेशन जारी हो गया है. जिसके तहट गो तस्करी करते हुए अगर पाए गए तो 7 साल की कड़ी सजा का प्रावधान है.

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क्या है नए विधेयक में खास?

जानकारी के मुताबिक इस नए विधेयक के अनुसार गौ-तस्करी करने वालों को 7 साल की सजा के साथ गो तस्करी में शामिल जो वाहन होगा उसे भी राजसात किया जाएगा. नए कानून के तहत मोहन यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद जो कड़े फैसले लिये थे. उनमें से एक गौवंस की रक्षा का भी फैसला था. 

वैसे भी मध्य प्रदेश सरकार साल 2024 को गौवंश रक्षा वर्ष के रूप में मना रही है. गौवंश को लेकर के कई बड़े फैसले राज्य सरकार कर रही है.  उसी के तहत ये नया कानून भी लाया गया है. जिसे गौवंश सम्वर्धन और सुरक्षा कानून नाम दिया गया है. इसके तहट गौ तस्करों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी.

आरोपी केवल कलेक्टर कोर्ट में लगा सकेंगे अर्जी

खास बात यह है कि जो आरोपी होंगे वो सिर्फ कलेक्टर कोर्ट में ही एक तरीके से अपनी याचिका लगा पाएंगे. कलेक्टर कोर्ट के अलावा किसी भी अन्य कोर्ट में आरोपी याचिका नहीं लगा पाएंगे. इसका नोटिफिकेशन भी अब जारी कर दिया गया है. यह वही विधेयक है. जिसे मानसून सत्र में सरकार ने गौवंश समवर्धन और सुरक्षा के लिए एक तरीके से विधेयक लाया गया था.

पुलिस की बढ़ जाएगी पावर

इस विधेयक के पास होने के बाद पुलिस को अब ज्यादा अधिकार मिल जाएंगे. पुलिस जो है वो गोतस्करी में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ खुल कर कारवाई कर पाएगी. इसमें जो वाहन शामिल है. उन्हें भी राजसाद किया जाएगा. आपको बता दे कि मध्यप्रदेश सरकार गोवंश की सुरक्षा को लेकर के कई फैसले कर रही है, इसी के तहत शनिवार देर शाम 5 सदस्यों की एक समिति बनाई गई है. इसमें वरिष्ट अफसर भी शामिल हैं. मध्यप्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव से लेकर के प्रमुख सचिव तक अलग-अलग विभागों के और इसके तहत 15    दिनों का एक प्लान बनाया गया है.

 जिसे प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़ समेत कुल 6 ऐसे जिले हैं. जिन्हें पांच लाख रुपए दिए गए हैं. 

नए नोटिफिकेशन के जरिए नया नियम

दूसरी तरफ अगर बात करें तो जो गोवंश के जो चारे की बात है उसे भी 20 रुपएं प्रति दिन से बढ़ा करके 40 रुपएं प्रति गोवंश प्रति दिन कर दिया गया है. कुल मिलाकर देखा जाए तो मोहन यादव की सरकार गोवंश को लेकर के शुरुआत से ही अपने फैसले साफ कर चुकी है. अब एक नए नोटिफिकेशन के जरिए गौ-तस्करी पर एक तरीके से लगाम लगाने की एक बड़ी पहल मोहन यादव सरकार के तरफ से की गई है.

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