MP Weather Update: देश इस समय चिलचिलाती गर्मी से उबल रहा है. रेड अलर्ट की चेतावनी जगह- जगह पर है. इसी बीच गर्मी के कहर के चलते MP के ग्वालियर से एक दुखद खबर सामने आई है. यहां लू के चलते MP के ग्वालियर में एक मजदूर के दोनों बेटा और बेटी की मौत हो गयी हैं. जिसके बाद ही पूरे परिवार में मातम पसरा हुआ है. मौसम विभाग की ने अगले 24 घंटो के लिए भी लू की चेतावनी जारी की है.
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दरअसल मजदूर परिवार पर नौतपा का कहर दुखों का पहाड़ बनकर टूटा है. नाबालिग भाई बहन ने भीषण गर्मी में देखते ही देखते अपनी जान गंवा दी. ये दोनों बच्चे अपने परिजनों के साथ 48 डिग्री सेल्सियस तापमान में करीब 100 किलोमीटर से ज्यादा दूर मुरैना जिले के कैलारस के एक गांव में मां और दादी के साथ ऑटो रिक्शा से गए थे. जब यह वापस आए तो गर्मी से इनकी बेरहमी से मौत हो गयी.
गर्मी का सितम जारी
ग्वालियर की भीषण गर्मी और नौतपा में 48 डिग्री टैम्प्रेचर ने लोगो के दैनिक जीवन पर प्रहार किया है. लोग अब घर से निकालने से भी कतरा रहे हैं, और प्रशासन ने 12 से 4-5 बजे तक घर से ना निकलने की सलाह भी दी है. शासन प्रशासन की तमाम कोशिशों के साथ भी गर्मी और लू से होने वाली मौतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं.
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क्या था पूरा मामला?
ग्वालियर उपनगर के रमटापुरा का यह पूरा मामला है. जहां एक मजदूर परिवार पर नौतपा का कहर दुखों का पहाड़ बनकर टूटा है. जिसके चलते नाबालिग भाई बहन ने भीषण गर्मी में देखते ही देखते अपनी जान गंवा दी. ये दोनों बच्चे अपने परिजनों के साथ 48 डिग्री सेल्सियस तापमान में करीब 100 किलोमीटर से ज्यादा दूर मुरैना जिले के कैलारस के एक गांव में मां और दादी के साथ ऑटो रिक्शा से गए. 12 साल की बहन और 10 साल के भाई को भारी यह सफर भारी पड़ गया.
लौटते वक्त 12 साल की मोना शाक्य की तबीयत बिगड़ गई और आपको बता दें उसकी तबीयत पहले से ही खराब थी. जबकि उसका 10 साल का भाई अभिषेक अच्छा भला था, वह तो अपनी मां और दादी के साथ घूमने की चाह में जिद करके चला गया था. मुरैना के जौरा में पहले बहन मोना की तबीयत खराब हुई. जब तक उसे डॉक्टर के पास ले जाते तब तक भाई अभिषेक भी बैठे-बैठे कुर्सी से गिर गया. यह पूरा माजरा गर्मी से लौटने के बाद हुआ.
अस्पताल ने छुपाई मौत की वजह
घर वाले दोनों बच्चों को बिरला अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने बच्चों की मौत को प्रारंभिक तौर पर गर्मी से बताया लेकिन बिरला अस्पताल में इस बारे में स्वास्थ्य विभाग को कोई सूचना नहीं दी. इस बारे में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर आरके राजोरिया से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. यदि बच्चे बिरला अस्पताल गए थे. तो अस्पताल प्रबंधन को इस बारे में जिला प्रशासन अथवा सीएमएचओ को अवगत कराना था. ऐसा क्यों नहीं किया गया है. मौत के बाद भी सिस्टम ने मृतको के साथ सौतेला व्यवहार किया. बुधवार को इन बच्चों को एक साथ दफना दिया गया. इन दो नाबालिग भाई बहन की मौत से रमटापुरा के प्रजापति मोहल्ले में गम का माहौल है.
ग्वालियर में धारा 144 लागू
ग्वालियर-चम्बल के कई शहरों का तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है, जिससे आम जनजीवन पर भारी असर पड़ा है. गर्म हवाओं के चलते लोग बाहर निकलने से बच रहे हैं. ग्वालियर में भीषण गर्मी के चलते कोचिंग क्लासेज के सम्बन्ध में धारा-144 लागू की गई है. इसके संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
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