Mp NEWS; मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गढ़ में आज सीएम शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुनावी हुंकार भरी है. यह पहली बार है जब CM शिवराज और सिंधिया एक साथ दिग्विजय के गढ़ में हैं. यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के माध्यम करीब 134 करोड़ रूपये की सौगात दी है. राघोगढ़ आईटीआई परिसर में CM शिवराज ने लाड़ली बहना सम्मेलन के साथ-साथ लाड़ली बहनाओं से संवाद भी किया है. गुना जिले में 2 लाख 21 हजार महिलाओं को लाडली बहना का लाभ दिया जा रहा है. कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री का आदिवासी परंपरा के साथ स्वागत किया गया. इसके बाद सीएम शिवराज और सिंधिया दोनों ने दिग्विजय सिंह की तुलना राक्षस राज रावण से की.
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चुनावी साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अभेद गढ़ को एक बार फिर तोड़ने की कोशिश की है. यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लाड़ली बहनाओं पर फूल बरसाकर स्वागत किया. यह पहली बार है जब CM और सिंधिया एक साथ दिग्विजय के गढ़ में हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से मांगी माफी
CM शिवराज ने भाषण की शुरुआत में महिलाओं से माफी मांग कर की. उन्होंने कहा, ‘कार्यक्रम स्थल में कुछ महिलाएं खड़ी हैं, उनके लिए बैठने की जगह कम पड़ गई. मैं आपका भाई आपसे मांफी मांगता हूं. जब तक जिंदगी रहेगी तुम्हारा ये भाई तुम्हें कोई तकलीफ नहीं होने देगा. कांग्रेस ने लाभ ही नहीं दिया बहनों को न ही किसानों को इन्होंने केवल अपना घर भरा है, लेकिन तुम्हारा भाई हर महीना एक हजार रूपया डाल रहा है. ये बस शुरुआत है. पैसों का इंतेजाम होने दो, सबको 3000 हजार रूपये दिये जाएंगे. आपको पैसों की कमी की वजह से किसी का मुंह नहीं देखना होगा. मैं जब हूं तब तक किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
योजनाएं शुरू करने के बजाय बंद की हैं कमलनाथ ने
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि यहां से जो मुख्यमंत्री दिग्विजय थे, उन्होंने क्या किया? कमलनाथ ने क्या किया? सारी योजनाएं एक-एक कर बंद कर दीं थी. कांग्रेस ने तो तीर्थ यात्रा तक बंद कर दी थी. संबल योजना बंद कर दी, इन्होंने शुरूआत तो कुछ नहीं की लेकिन योजनाएं बंद करते गए.
रावण जैसा रहता अहंकार सवार, नाम है उनका बंटाधार- सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुये उन्हें बंटाधार बता दिया. उन्होंने एक कहानी सुनाते हुये कहा, ‘एक थी बाप-बेटे की जोड़ी निराली, कर दी उन्होंने मध्यप्रदेश की झोली खाली, एक थी बाप-बेटे की जोड़ी निराली, कर दी उन्होंने जनता की झोली खाली, रावण जैसा अहंकार रहता सिर पर सवार, न उठे अपनी ऊंची गद्दी से एक इंच भी, नाम है उनका बंटाधार’
रावण जैसा रहता अहंकार सवार, नाम है उनका बंटाधार- सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुये उन्हें बंटाधार बता दिया. उन्होंने एक कहानी सुनाते हुये कहा, ‘एक थी बाप-बेटे की जोड़ी निराली, कर दी उन्होंने मध्यप्रदेश की झोली खाली, एक थी बाप-बेटे की जोड़ी निराली, कर दी उन्होंने जनता की झोली खाली, रावण जैसा अहंकार रहता सिर पर सवार, न उठे अपनी ऊंची गद्दी से एक इंच भी, नाम है उनका बंटाधार’
रावण जैसा रहता अहंकार सवार, नाम है उनका बंटाधार- सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुये उन्हें बंटाधार बता दिया. उन्होंने एक कहानी सुनाते हुये कहा, ‘एक थी बाप-बेटे की जोड़ी निराली, कर दी उन्होंने मध्यप्रदेश की झोली खाली, एक थी बाप-बेटे की जोड़ी निराली, कर दी उन्होंने जनता की झोली खाली, रावण जैसा अहंकार रहता सिर पर सवार, न उठे अपनी ऊंची गद्दी से एक इंच भी, नाम है उनका बंटाधार’
विकास के लिए तरसा है राघोगढ़- सिधिंया
सिंधिया ने कहा, ‘शिवराज सिंह जी, राघोगढ़ को आपकी उपस्थिति की बहुत जरूरत है. 1977 से एक ही परिवार इस क्षेत्र पर अपनी चक्की पीस रहा है. यहां विकास की उल्टी गंगा चल रही है. सड़कों-बिजली की किल्लत है. तभी से राघोगढ़ क्षेत्र विकास के लिए तरस रहा है. 1977 से राघोगढ़ में उल्टी विकास की गंगा चल रही है. सड़क बिजली की किल्लत से क्षेत्र जूझ रहा है.’
विकास के लिए तरसा है राघोगढ़- सिधिंया
सिंधिया ने कहा, ‘शिवराज सिंह जी, राघोगढ़ को आपकी उपस्थिति की बहुत जरूरत है. 1977 से एक ही परिवार इस क्षेत्र पर अपनी चक्की पीस रहा है. यहां विकास की उल्टी गंगा चल रही है. सड़कों-बिजली की किल्लत है. तभी से राघोगढ़ क्षेत्र विकास के लिए तरस रहा है. 1977 से राघोगढ़ में उल्टी विकास की गंगा चल रही है. सड़क बिजली की किल्लत से क्षेत्र जूझ रहा है.’
विकास के लिए तरसा है राघोगढ़- सिधिंया
सिंधिया ने कहा, ‘शिवराज सिंह जी, राघोगढ़ को आपकी उपस्थिति की बहुत जरूरत है. 1977 से एक ही परिवार इस क्षेत्र पर अपनी चक्की पीस रहा है. यहां विकास की उल्टी गंगा चल रही है. सड़कों-बिजली की किल्लत है. तभी से राघोगढ़ क्षेत्र विकास के लिए तरस रहा है. 1977 से राघोगढ़ में उल्टी विकास की गंगा चल रही है. सड़क बिजली की किल्लत से क्षेत्र जूझ रहा है.’
ये भी पढ़ें- दंडवत होकर माफी मांगने लगे सिंधिया समर्थक मंत्री, सीएम शिवराज को लेकर दिया ये विवादित बयान
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चुनावी साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अभेद गढ़ को एक बार फिर तोड़ने की कोशिश की है. यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लाड़ली बहनाओं पर फूल बरसाकर स्वागत किया. यह पहली बार है जब CM और सिंधिया एक साथ दिग्विजय के गढ़ में हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से मांगी माफी
CM शिवराज ने भाषण की शुरुआत में महिलाओं से माफी मांग कर की. उन्होंने कहा, ‘कार्यक्रम स्थल में कुछ महिलाएं खड़ी हैं, उनके लिए बैठने की जगह कम पड़ गई. मैं आपका भाई आपसे मांफी मांगता हूं. जब तक जिंदगी रहेगी तुम्हारा ये भाई तुम्हें कोई तकलीफ नहीं होने देगा. कांग्रेस ने लाभ ही नहीं दिया बहनों को न ही किसानों को इन्होंने केवल अपना घर भरा है, लेकिन तुम्हारा भाई हर महीना एक हजार रूपया डाल रहा है. ये बस शुरुआत है. पैसों का इंतेजाम होने दो, सबको 3000 हजार रूपये दिये जाएंगे. आपको पैसों की कमी की वजह से किसी का मुंह नहीं देखना होगा. मैं जब हूं तब तक किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
योजनाएं शुरू करने के बजाय बंद की हैं कमलनाथ ने
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि यहां से जो मुख्यमंत्री दिग्विजय थे, उन्होंने क्या किया? कमलनाथ ने क्या किया? सारी योजनाएं एक-एक कर बंद कर दीं थी. कांग्रेस ने तो तीर्थ यात्रा तक बंद कर दी थी. संबल योजना बंद कर दी, इन्होंने शुरूआत तो कुछ नहीं की लेकिन योजनाएं बंद करते गए.
रावण जैसा रहता अहंकार सवार, नाम है उनका बंटाधार- सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधते हुये उन्हें बंटाधार बता दिया. उन्होंने एक कहानी सुनाते हुये कहा, ‘एक थी बाप-बेटे की जोड़ी निराली, कर दी उन्होंने मध्यप्रदेश की झोली खाली, एक थी बाप-बेटे की जोड़ी निराली, कर दी उन्होंने जनता की झोली खाली, रावण जैसा अहंकार रहता सिर पर सवार, न उठे अपनी ऊंची गद्दी से एक इंच भी, नाम है उनका बंटाधार’
विकास के लिए तरसा है राघोगढ़- सिधिंया
सिंधिया ने कहा, ‘शिवराज सिंह जी, राघोगढ़ को आपकी उपस्थिति की बहुत जरूरत है. 1977 से एक ही परिवार इस क्षेत्र पर अपनी चक्की पीस रहा है. यहां विकास की उल्टी गंगा चल रही है. सड़कों-बिजली की किल्लत है. तभी से राघोगढ़ क्षेत्र विकास के लिए तरस रहा है. 1977 से राघोगढ़ में उल्टी विकास की गंगा चल रही है. सड़क बिजली की किल्लत से क्षेत्र जूझ रहा है.’
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