भोपाल के वरुण ने फतह की यूरोप की सबसे ऊंची चोटी, ‘माउंट एल्ब्रुज’ पर लहराया तिरंगा

एमपी तक

• 03:24 AM • 03 Sep 2023

MP News: मध्यप्रदेश टूरिज्म (MP Tourism) बोर्ड के ज्वाइंट डायरेक्टर (वित्त) वरुण वडेरिया (Varun Vaderia) ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट एल्ब्रुज’ पर तिरंगा लहराया है. समुद्र तल से 5642 मीटर ऊंचे ‘माउंट एल्ब्रुज’ (‘Mount Elbrus’) पर चढ़ाई काफी चुनौतीपूर्ण मानी जाती है. वहां तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से भी कम रहता है. […]

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MP News: मध्यप्रदेश टूरिज्म (MP Tourism) बोर्ड के ज्वाइंट डायरेक्टर (वित्त) वरुण वडेरिया (Varun Vaderia) ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी ‘माउंट एल्ब्रुज’ पर तिरंगा लहराया है. समुद्र तल से 5642 मीटर ऊंचे ‘माउंट एल्ब्रुज’ (‘Mount Elbrus’) पर चढ़ाई काफी चुनौतीपूर्ण मानी जाती है. वहां तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से भी कम रहता है. ऐसे में वरुण ने नया इतिहास रच दिया है. वरुण ने 28-29 अगस्त की रात डेढ़ बजे से पर्वत पर चढ़ना शुरू किया और अगले दिन सुबह 7.10 बजे यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंच गए. बसेकैंप से ये सफर पूरा करने में उन्हें कुल 8 घंटे का समय लगा.

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वडेरिया एक प्रशिक्षित पर्वतारोही हैं, जिनका लक्ष्य सेवन समिट (सप्त चोटी) पर तिरंगा फहराना है. सेवन समिट सात पारंपरिक महाद्वीपों में से प्रत्येक के सबसे ऊंचे पर्वत हैं. दुनिया में ऐसे लोग विरले ही हैं, जिन्होंने इस लक्ष्य को प्राप्त किया है, यूरोप के माउंटट एल्ब्रुज को फतह कर वरुण वडेरिया ने इसकी शुरुआत कर दी.

इतनी मुश्किल है चढ़ाई

वडेरिया ने इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर क्लाइबिंग एंड माउंटेनियरिंग से मान्यता प्राप्त संस्था नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ उत्तराकाशी से माउंटेनियरिंग कोर्स किया है. वरुण वडेरिया ने बताया कि समुद्र तल से 5642 मीटर ऊंचे ‘माउंट एल्ब्रुज’ पर चढ़ाई काफी चुनौतीपूर्ण रही. ऊंचाई पर तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से भी कम रहता है और हवा का बहाव काफी तेज होता है. चोटी की खड़ी चढ़ाई में हवा और ठंड आपकी कठोर परीक्षा लेती है, इसलिये यह यूरोप की न सिर्फ सबसे ऊंची चोटी है बल्कि चुनौतीपूर्ण भी है. वरुण ने माउंट एल्ब्रुज पर तिरंगा के साथ ही एमपी टूरिज्म का झंडा भी गाड़ा.

योग और प्राणायाम से मिला फायदा

वरुण वडेरिया ने पर्वतारोहण से पहले कई लेवल पर तैयारी की थी. पिछले दो महीने से रनिंग और योग कर रहे थे. उन्होंने बताया कि एल्ब्रुज चोटी पर ऑक्सीजन और एयर प्रेशर काफी कम हो जाता है. इनके प्रभाव से साँसे फूलने लगती हैं, लेकिन योग, प्राणायाम के कारण काफी फायदा मिला और औसत समय से पहले ही चढ़ाई पूरी कर ली. प्रदेशवासियों के साथ ही प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति एवं प्रबंध संचालक, मप्र टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने वडेरिया को इस उपलब्धि पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं.

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