पुणे पोर्श एक्सीडेंट में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा, रईसजादे को बचाने के लिए रची थी ये फिल्मी साजिश, जानें

एमपी तक

27 May 2024 (अपडेटेड: May 27 2024 1:03 PM)

Pune Porsche Crash case: पुणे पुलिस ने फोरेंसिक विभाग के एचओडी को गिरफ्तार किया है, जो ससून अस्पताल के सहायक डीन भी हैं. इसके साथ ही ससून हॉस्पिटल के एक अन्य डॉक्टर को पुणे दुर्घटना मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

 Pune Porsche crash case

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Pune Porsche Crash case: पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट मामले में एक के बाद एक कई खुलासे हो रहे हैं. तेज रफ्तार कार से आईटी इंजीनियरों की हत्या करने वाले नाबालिग रईसजादे को बचाने के लिए उसके परिवार ने किस हद तक प्रयास किए, इसका खुलासा पुलिस ने किया है. अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया है.

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पुणे पुलिस ने फोरेंसिक विभाग के एचओडी को गिरफ्तार किया है, जो ससून अस्पताल के सहायक डीन भी हैं. इसके साथ ही ससून हॉस्पिटल के एक अन्य डॉक्टर को पुणे दुर्घटना मामले में सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

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आरोपी का ब्लड सैंपल बदला गया

नाबालिग आरोपी को सुबह 11 बजे पहली मेडिकल जांच के लिए ससून अस्पताल ले जाया गया था. आरोपी के ब्लड सैंपल को किसी अन्य व्यक्ति के ब्लड सैंपल बदल दिया गया था, जिसने शराब नहीं पी थी. ये ब्लड टेस्ट प्राप्त हो गए हैं. पहले ब्लड सैंपल में बिल्कुल भी अल्कोहल नहीं पाया गया था, जिससे संदेह पैदा हुआ और फिर दूसरे ब्लड टेस्ट में अल्कोहल पाया गया. इस तरह से पता चला कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने 19 मई को नाबालिग आरोपी को बचाने के लिए छेड़छाड़ की थी.

पुणे सीपी अमितेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया, "डॉ. श्रीहरि हलनोर, जिन्होंने नाबालिग का ब्लड सैंपल लिया था, को कल रात गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने फोरेंसिक विभाग के एचओडी डॉ. अजय टावरे के निर्देश पर ब्लड सैंपल बदला था. "

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शराब से नहीं पड़ता कोई असर- CP

सीपी अमितेश ने जानकारी देते हुए कहा कि हमारा मामला धारा 304 गैर इरादतन हत्या का है. आरोपी किशोर को पूरी जानकारी थी कि उसके कृत्य से जान को खतरा हो सकता है, इसलिए ब्लड सैंपल में शराब के कोई निशान नहीं होने से हमारे मामले पर कोई असर नहीं पड़ता. बता दें कि इससे पहले आरोपी के दादा और पिता ने ड्राइवर के ऊपर खुद के ऊपर जुर्म कुबूल करने का दवाब बनाया था. ड्राइवर को बंधक बनाकर रखा गया था, जिसका खुलासा पुलिस ने किया था.

क्या है पूरा मामला?

18-19 मई की दरम्यानी रात को पुणे में पोर्शे कार से एक्सीडेंट में मध्य प्रदेश के इंजीनियर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्ठा की मौत हो गई थी. नशे में धुत एक नाबालिग लड़के ने अपनी पोर्शे कार से उन्हें टक्कर मार दी थी, जिसमें उनकी मौत हो गई थी. मामला तब सुर्खियों में आया जब नाबालिग आरोपी को जुबेनाइल कोर्ट ने निबंध लिखने की सजा देकर जमानत पर छोड़ दिया था. आरोपी के परिवार ने उसे बचाने लिए ड्राइवर के ऊपर आरोप मढ़ने की पूरी कोशिश की थी. इसके बाद अब ब्लड सैंपल बदलने का मामला सामने आया है. 

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