CM मोहन यादव की पुलिस को रेत माफियाओं ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, जान बचाकर भागे पुलिसकर्मी

हेमंत शर्मा

31 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 31 2024 1:12 PM)

जब से सीएम के रूप में मध्यप्रदेश में डाॅ.मोहन यादव की ताजपोशी हुई है, तब से लगातार पुलिस पर हमले के मामले बढ़ गए हैं. पहले छिंदवाड़ा, सिवनी, सीहोर में पुलिस पार्टी पर हमले के मामले सामने आए और अब ताजा मामला चंबल के भिंड जिले से निकलकर सामने आया है.

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MP Crime News: जब से सीएम के रूप में मध्यप्रदेश में डाॅ.मोहन यादव की ताजपोशी हुई है, तब से लगातार पुलिस पर हमले के मामले बढ़ गए हैं. पहले छिंदवाड़ा, सिवनी, सीहोर में पुलिस पार्टी पर हमले के मामले सामने आए और अब ताजा मामला चंबल के भिंड जिले से निकलकर सामने आया है, जिसमें रेत माफियाओं ने पहले तो पुलिस पार्टी को दौड़ा-दौड़ाकर जमकर पीटा और फिर उनके हथियारों व सरकारी वाहनों को ही छीनने की कोशिश करने लगे. इसके बाद जैसे-तैसे पुलिसकर्मियों ने भागकर जान बचाई.

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रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने भागते पुलिसकर्मियों को चेतावनी भी दी कि यदि दोबारा से उनके इलाके में आए तो जान से मार दिए जाएंगे. सीएम मोहन यादव की पुलिस जब खुद ही असुरक्षित हो गई है तो उनसे आम जनता की सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है. यहां तो पुलिस कर्मियों के ही जान के लाले पड़ते दिखाई दे रहे हैं.

आपको बता दें कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस रेत माफियाओं के ठिकाने पर दबिश देने गई थी. पुलिस की गाड़ी पर चारों तरफ से मिट्टी के ढेलों से हमला हुआ, इसके बाद झाड़ियां से गाड़ी पर वार करना शुरू कर दिया गया. इस दौरान एक पुलिसकर्मी की शासकीय राइफल छुड़ाने की कोशिश की. पुलिसकर्मी ने राइफल बचाने का प्रयास किया तो पुलिस कर्मी के सिर में लाठी मार कर उसे घायल कर दिया. पुलिस की गाड़ी के टायर में भाला घुसाकर पंचर करने की कोशिश की गई. चारों तरफ से रेत माफियाओं से घिरे हुए पुलिसकर्मियों ने जैसे तैसे खुद की जान बचाई और थाने पहुंचे.

घटना किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है, लेकिन यह घटना रील की नहीं बल्कि रीयल की है, जो कि चंबल में घटित हुई है. पुलिस पार्टी पर यह हमला मंगलवार को हुआ जब मछंड चौकी के प्रभारी कमलकांत दुबे को सूचना मिली थी कि हिलगवां घाट पर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. इसी सूचना पर से कमलकांत दुबे चौकी में तैनात 3 प्रधान आरक्षक और 3 आरक्षक के साथ रेत माफिया पर कार्रवाई करने के लिए निकल गए थे. पुलिस की टीम को देखकर हिलगवां घाट से रेत से भरी दो ट्रैक्टर टोलियां लेकर रेत माफिया दौहई गांव की तरफ भागे.

पुलिस पार्टी को इस तरह से घेरकर पीटा

पुलिस की गाड़ी ने दोनों ट्रैक्टर ट्रॉली का पीछा किया, तो रेत माफिया ने बीहड़ी इलाके में पुलिस की गाड़ी को घेर लिया. इसके बाद रेत माफियाओं ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया. पहले रेत माफियाओ ने पुलिस की गाड़ी पर मिट्टी के ढेले फेंकना शुरू कर दिए. इसके बाद पुलिस की गाड़ी पर झाड़ियों से हमला करने लगे. एक दर्जन से अधिक रेत माफियाओ ने पुलिस की टीम को चारों तरफ से घेर लिया था. इस बीच पुलिस पार्टी के साथ मारपीट शुरू हो गई.

इन आरोपियों के नाम आए सामने, अभी तक चल रहे फरार

लालू राजावत नाम के रेत माफिया ने आरक्षक प्रदीप यादव की शासकीय राइफल छीनने की कोशिश की. प्रदीप यादव ने जब अपनी राइफल को बचाने की कोशिश की, तो लालू ने प्रदीप यादव के सिर पर लाठी मार दी, जिससे आरक्षक के सिर से खून बहने लगा. इसके बाद बरमुडे नाम के एक हमलावर ने भाले से पुलिस की गाड़ी के टायर को पंचर करने की कोशिश की, लेकिन कमलकांत दुबे ने जैसे तैसे गाड़ी को पंचर होने से बचाया.

रेत माफियाओं ने चौकी प्रभारी कमलकांत दुबे समेत पूरी टीम को चेतावनी दी कि आइंदा अगर दिखे तो उन्हें जान से खत्म कर दिया जाएगा. जैसे तैसे पुलिसकर्मी अपनी जान बचाकर रौन थाने तक पहुंचे. यहां चौकी प्रभारी कमल कांत दुबे ने एक लिखित शिकायत दी, जिसके बाद रौन थाने में 14 नामजद आरोपियों के खिलाफ 393 294 332 353 506 147 149 और 11/13 के तहत एफआईआर दर्ज करते हुए आरोपियों की तलाश में पुलिस ने दबिश देना शुरू किया है. फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं.

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