Amarwada assembly seat election 2024: छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी की तरफ से कमलेश शाह ने नामांकन फॉर्म जमा कर दिया है. कमलेश शाह पहले इसी सीट पर कांग्रेस पार्टी के विधायक थे लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. मध्यप्रदेश बीजेपी ने एक्स पर पोस्ट करके कमलेश शाह को विजयी होने का आशीर्वाद भी दिया है.
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कमलेश शाह पुराने कांग्रेसी नेता हैं और 3 बार वे इस पार्टी से इसी सीट से विधायक रह चुके हैं. लेकिन विधानसभा चुनाव से पूर्व उन्होंने पाला बदल लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. उनके इस कदम के बाद ये माना जाने लगा था कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ अब कमजोर पड़ने लगे हैं. कमलनाथ के वफादार साथियों में शामिल रहे कमलेश शाह ने ऐन मौके पर उनका साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया.
ऐसे में कमलनाथ के सामने अब चुनौती ये खड़ी हो गई है कि लोकसभा चुनाव में उनके बेटे नकुलनाथ की हार के बाद अब अमरवाड़ा विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में लाज कैसे बचाई जाए. बीजेपी तो अपने इरादे जाहिर कर चुकी है. उन्होंने कमलेश शाह पर ही भरोसा जताकर उनको अमरवाड़ा सीट के उपचुनाव में खड़ा कर दिया है.
लेकिन कांग्रेस के सामने प्रत्याशी चयन को लेकर चुनौती खड़ी है और लगतार मंथन भी जारी है. कांग्रेस उम्मीदवार कौन होगा, इससे अधिक महत्वपूर्ण अब यह हो जाता है कि जो भी यहां कांग्रेस का उम्मीदवार होगा, क्या कमलनाथ उसको चुनाव जिता पाएंगे. क्या अमरवाड़ा सीट एक बार फिर से कांग्रेस के खाते में आ सकेगी या फिर यह सीट भी बीजेपी के पाले में चली जाएगी.
नामांकन के समय सीएम और सांसद दोनों रहे मौजूद
कमलेश शाह का नामांकन फॉर्म जमा कराते समय सीएम मोहन यादव और सांसद विवेक बंटी साहू दोनों ही मौजूद रहे. दोनों ने कमलेश शाह के साथ निर्वाचन अधिकारी के यहां नामांकन फॉर्म जमा कराया. बीजेपी ने संकेत दिए हैं कि वह अमरवाड़ा विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव के लिए पूरा जोर लगाने जा रही है.
अमरवाड़ा का राजनीतिक इतिहास
भाजपा अमरवाड़ा सीट से कमलेश शाह को प्रत्याशी बना सकती है. छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट भाजपा ने 1972 से अब तक सिर्फ दो बार 1990 और 2008 में जीती थी. तो वहीं आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर गोंडवाड़ा गणतंत्र पार्टी ने 2003 में एक बार जीत दर्ज की थी. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से चुनाव लड़े कमलेश शाह ने भाजपा की मोनिका शाह बट्टी 25 हजार से ज्यादा मतों से चुनाव हराया था. मूल रूप से इस सीट पर कमलेश शाह के परिवार का ही कब्जा रहा है. कमलेश शाह इस सीट से लगातार तीन बार विधायक बन चुके हैं. इसके पहले उनके दादा राजा उदयभान शाह और मां रानी शैल कुमारी भी कांग्रेस से विधायक रही हैं.
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