Lok Sabha Election: राजगढ़ पहुंची अमृता राय ने पति दिग्विजय सिंह के चुनाव को लेकर कर दिया ये बड़ा दावा

पंकज शर्मा

03 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 3 2024 1:14 PM)

राजगढ़ लोकसभा में दिग्विजय सिंह की 'वादा निभाओ पदयात्रा' के तीसरे दिन मंगलवार को कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह की धर्मपत्नी अमृता राय अपने पति के पक्ष में चुनाव प्रचार करने पहुंची.

अमृता राय अपने पति के प्रचार के लिए राजगढ़ पहुंची हैं.

digvijay singh

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Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश राजगढ़ लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे दिग्गज कांग्रेसी दिग्विजय सिंह की 'वादा निभाओ पदयात्रा' के तीसरे दिन मंगलवार को उनकी धर्मपत्नी अमृता राय चुनाव प्रचार के लिए पहुंची, वह लोकसभा क्षेत्र के रसूल धाकड़ गांव मे जाकर अपने पति दिग्विजय सिंह से मुलाकात की और लोकसभा चुनाव को लेकर ग्रामीण महिलाओं के साथ चर्चा की. अमृता राय ने घर-घर जाकर दिग्विजय सिंह के शासनकाल में हुए विकास के कामों के बारे में बताया और अपने पति और कांग्रेस को वोट देने की अपील की. 

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अमृता राय एनएसयूआई कार्यकर्ताओं से मिलीं. इसके बाद अमृता राय ने बताया कि मैं पदयात्रा में पहली बार आई हूं, मैं लोगों से मिली तो मुझे प्रेम सद्भाव मिला, जिससे ऐसा लगा कि उन लोगों को में कई वर्षों से जानती हूं और दादी-नानी पुराने संबंधी के घर आई हूं. मुझे इन लोगों से इतना अपनापन मिला.

पति दिग्विजय की जीत पर कर दिया बड़ा दावा

अमृता राय ने कहा- "राजगढ़ लोकसभा सीट से मेरे पति दिग्विजय सिंह बड़े मार्जन से चुनाव जीत रहे हैं. जब मैं अपने पति के साथ नर्मदा परिक्रमा कर रही थी. तब मुझे मध्य प्रदेश के लोगों से मुलाकात करने का मौका मिला. मैं फील करती हूं, यहां के लोग बहुत अच्छे, सरल, चाहने वाले हैं. यहां तब मुझे फील हुआ कि मैंने अपने पति के पुराने कनेक्शन को यहां आकर देखा. राजगढ़ लोकसभा सीट से मेरे पति दिग्विजय सिंह बड़े अंतराल से चुनाव जीत रहे हैं.

राजगढ़ सीट का समझिए गणित

राजगढ़ लोकसभा सीट को राजगढ़ जिले और गुना और आगर मालवा जिले के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया गया है. इस लोकसभा सीट में भी कुल आठ विधानसभाएं हैं जिनमें चाचौरा, राघौगढ़, नरसिंह गढ़, ब्यावरा, राजगढ़, खिलचीपुर, सारंगपुर और सुसनेर शामिल हैं. इनमें में सिर्फ 2 विधानसभाओं पर कांग्रेस का कब्जा है, जबकि बाकी पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया है.

लोकसभा चुनावों में पहले 2 लोकसभा में कांग्रेस को जीत मिली. इसके बाद 1962 में यहां से नरसिंहगढ़ के राजा भानु प्रकाश सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते. यह सीट कभी किसी एक पार्टी के पास ज्यादा लंबे वक्त तक नहीं रही. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दो बार सांसद चुने गए हैं. उनके भाई लक्ष्मण सिंह 5 बार चुनाव जीत चुके हैं. फिलहाल यह लोकसभा सीट बीजेपी के पास है.

कैसा रहा 2019 का लोकसभा चुनाव?

2014 के बाद लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने रोडमल नागर पर फिर से उतारा और वह बंपर वोटों से जीते. इस बार फिर से बीजेपी ने रोडमल नागर को टिकट दिया है. पिछले चुनाव में रोडमल नागर के प्रतिद्वंद्वी के रूप में कांग्रेस ने मोना सुस्तानी को टिकट दिया था. इस चुनाव में बीजेपी के रोडमल को 8.23 लाख वोट मिले थे जबकि कांग्रेस की मोना को 3.92 लाख वोट मिले थे. इस चुनाव में रोडमल नागर ने मोना सुस्तानी को 4.31 लाख वोटों के भारी-भरकम अंतर से हराया था.

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