सिंधिया ने कांग्रेस को दिया तगड़ा झटका, दिग्विजय के खास चंदेरी नगर पालिका अध्यक्ष समेत 3 पार्षद तोड़े

राहुल जैन

22 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 22 2024 5:44 PM)

मध्य प्रदेश समेत पूरे देश भर में दल बदल का दौर जारी है. हर रोज सैकड़ो लोग कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. इस मध्य प्रदेश के अशोकनगर में दिग्विजय सिंह को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने करारा झटका दिया है.

चंदेरी नगर पालिका अध्यक्ष ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की

चंदेरी नगर पालिका अध्यक्ष ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथों बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की

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MP News: मध्य प्रदेश समेत पूरे देश भर में दल बदल का दौर जारी है. हर रोज सैकड़ो लोग कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. इस मध्य प्रदेश के अशोकनगर में दिग्विजय सिंह को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने करारा झटका दिया है. यहां दिग्विजय सिंह के करीबी और चंदेरी नगर पालिका अध्यक्ष दशरथ कोली ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने भाजपा जॉइन कर ली है. यह कांग्रेस के लिए वोटिंग से पहले गुना लोकसभा सीट पर बड़ा झटका माना जा रहा है.

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अशोकनगर में सिंधिया ने चंदेरी नगर पालिका अध्यक्ष दशरथ कोली को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता दिलाई. अध्यक्ष के साथ ही तीन पार्षदों ने भी कांग्रेस छोड भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया. बता दें कि पहले चरण का चुनाव होने के बाद भी कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं पहले चरण के चुनाव से भी बड़े स्तर में कांग्रेसी नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा है.

कांग्रेस की एकमात्र नगर पालिका भी अब बीजेपी की हुई

आपको बता दें कि अशोकनगर जिले में चंदेरी नगर पालिका पर केवल कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन यह पद भी अब भाजपा के खाते में चला गया. जिले की सभी नगर पालिका अब भाजपा की हो गई हैं. दशरथ कोली जो कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खास माने जाते थे. अब वह सिंधिया के साथ हो लिए हैं. चंदेरी से विधायक रहे गोपाल सिंह चौहान ने अपना पूरा जोर लगाया था. चंदेरी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए, लेकिन चुनाव से पहले सिंधिया ने बड़ा खेल कर दिया है.

राजगढ़ लोकसभा सीट से दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं सिंधिया गुना से मैदान में हैं. दोनो सीटे आस-पास में है, और एक दूसरे पर वोटरों व राजनीतिक समीकरण का असर होता है, सिंधिया और दिग्विजय की सियासी अदावत किसी से छिपी नहीं है, दोनों एक दूसरे को सियासी तौर पर शह और मात देने के खेल में लगे रहते हैं.

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