Lok Sabha Elections: मध्य प्रदेश में कम मतदान से कांग्रेस खुश, लेकिन भाजपा को क्यों सता रहा है डर?

एमपी तक

18 May 2024 (अपडेटेड: May 18 2024 2:10 PM)

Loksabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव पहले चार चरणों में संपन्न हो चुका है. इस बार लोकसभा चुनाव में पिछले चुनाव की अपेक्षा मतदान में करीब 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.

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Loksabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव पहले चार चरणों में संपन्न हो चुका है. इस बार लोकसभा चुनाव में पिछले चुनाव की अपेक्षा मतदान में करीब 8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. चुनाव में हुई कम वोटिंग से एक तरफ जहां कांग्रेस में खुशी का माहौल है तो वहीं बीजेपी को डर सता रहा है. डर इतना ज्यादा है कि अब ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी में जिन मंत्रियों के क्षेत्र में मतदान कम होगा, उनकी कुर्सी जा सकती है.

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बीजेपी-कांग्रेस के अपनी-अपनी जीत के दावे 

जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में करीब 20 साल बाद मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है. लेकिन मतदान प्रतिशत के गिरने के बाद भी न तो बीजेपी खेमे में कोई चिंता है और न ही कांग्रेस में कोई डर दिखाई दे रहा है, जबकि पिछले चुनाव में कांग्रेस महज एक सीट लाने में कामयाब हो पाई थी. 

बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही अलग अलग दावे हैं, बीजेपी इसे कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं की कमी से जोड़कर देख रही है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के पास कार्यकर्ता ही नहीं बचे हैं जो मतदान के लिए काम कर सकें. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इसे भगवा लहर का समाप्त होना बता रही है. 

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2019 में और 2024 के मतदान प्रतिशत में अंतर

बात की जाए अगर पिछले लोकसभा चुनाव की तो  2019 में मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों पर 71.16% वोटिंग हुई थी. तब मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 28 और कांग्रेस ने 1 सीट हासिल की थी.  2024 के लोकसभा चुनाव में ये आंकड़ा 66.77 रहा है. जो 2019 के मुकाबले करीब 4.39% कम है. तो वहीं सबसे हाई प्रोफाइल सीट इंदौर में 2019 के मुकाबले 8-9 वोटिंग प्रतिशत गिरा है. यही कारण है जिससे बीजेपी टेंशन में है. ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी ने अपनी जीत का टारगेट 11 लाख बनाया था. कम वोटिंग में ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. 

कैसा रहा चौथे चरण का मतदान

चौथे चरण में 8 लोकसभा सीटों पर  समाप्त होने के बाद 71.72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खरगोन में सबसे ज्यादा 75.79 प्रतिशत मतदान हुआ, इसके बाद देवास में 74.86 प्रतिशत, मंदसौर में 74.5 प्रतिशत, उज्जैन में 73.03 प्रतिशत, धार में 71.5 प्रतिशत, खंडवा में 70.72 प्रतिशत और इंदौर में सबसे कम 60.53 प्रतिशत मतदान हुआ है. खरगोन में हुई सबसे ज्यादा वोटिंग ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस सीट पर कांग्रेस मजबूत मानी जा रही थी. मतदान प्रतिशत के बढ़ने से यहां बीजेपी को अभी से चिंता सताने लगी है. 

कैसा रहा मतदान प्रतिशत का पूरा आंकड़ा

चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार 2014 में 61.61, 2019 में 71.16 और 2024 में 66.77 फीसदी वोटिंग हुई है. मध्यप्रदेश में चार चरणों में वोटिंग हुई है. चुनाव आयोग ने वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए कई प्रयोग भी किए लेकिन ज्यादा असर नहीं दिखा है. पहले चरण में 19 अप्रैल को 2019 की तुलना में 7.5 फीसदी कम, दूसरे चरण 26 अप्रैल को 2019 की तुलना में 9 फीसदी कम, तीसरे चरण सात मई को 2019 की तुलना में एक फीसदी से कम और चौथे चरण 13 मई को 2019 की तुलना में चार फीसदी कम वोट पड़े हैं.

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