मध्य प्रदेश की इस सीट पर 33 साल से दो भाइयों का है कब्जा, पहली बार आमने-सामने

एमपी तक

24 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 24 2023 4:10 AM)

MP Election 2023: नर्मदापुरम जिले (narmadapuram) की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. इस बार नर्मदापुरम (Hoshngabad) में मुकाबला सबसे दिलचस्प है. चूंकि ये मुकाबला दो पार्टियों ही नहीं, बल्कि दो भाइयों के बीच होने जा रहा है. दरअसल भाजपा (BJP) ने जहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष […]

narmadapuram politics, MP News, MP Election 2023, Madhya Pradesh assembly Election

narmadapuram politics, MP News, MP Election 2023, Madhya Pradesh assembly Election

follow google news

MP Election 2023: नर्मदापुरम जिले (narmadapuram) की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. इस बार नर्मदापुरम (Hoshngabad) में मुकाबला सबसे दिलचस्प है. चूंकि ये मुकाबला दो पार्टियों ही नहीं, बल्कि दो भाइयों के बीच होने जा रहा है. दरअसल भाजपा (BJP) ने जहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और पांच बार से विधायक डॉ सीतासरन शर्मा (Sitasaran Sharma) को टिकट दिया है, तो वहीं कांग्रेस ने उनके भाई और पूर्व विधायक गिरजा शंकर शर्मा (Girja Shankar Sharma) को मैदान में उतारा है.

यह भी पढ़ें...

भाजपा पार्टी से दो बार विधायक रहे गिरजा शंकर शर्मा ने हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ली है. सदस्यता लेने के 40 दिनों के बाद ही कांग्रेस पार्टी ने उन्हें नर्मदापुरम विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है. गिरजा शंकर शर्मा ने जब भाजपा से इस्तीफा दिया था, तब उन्होंने भाई को टिकट मिलने पर उनके खिलाफ चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया था. लेकिन भाजपा प्रत्याशियों की सूची जारी होने से पहले ही कांग्रेस पार्टी ने नर्मदापुरम से गिरजा शंकर शर्मा को प्रत्याशी बना दिया था. प्रत्याशी घोषित होने के बाद गिरजा शंकर शर्मा ने कहा कि अब पीछे हटने का सवाल ही पैदा नहीं होता.

ये भी पढ़ें: पूर्व विधायक शिवराज शाह ने चुनाव से पहले BJP को दिया बड़ा झटका, पार्टी छोड़ी; निर्दलीय लड़ने का ऐलान

33 सालों से भाइयों का राज

नर्मदापुरम विधानसभा सीट पर करीब 33 सालों से एक ही परिवार, यानी शर्मा बंधुओं का कब्जा रहा है. नर्मदापुरम सीट पर साल 1990, 1993 और 1998 में डॉ सीतासरन शर्मा विधायक रहे. साल 2003 में डॉ सीतासरन शर्मा का टिकट काटकर, भाजपा पार्टी ने उनके बड़े भाई गिरजा शंकर शर्मा को टिकट देकर चुनाव लड़वाया. साल 2003 और 2008 में भाजपा पार्टी से गिरजा शंकर शर्मा दो बार विधायक रहे. इसके बाद साल 2013 में एक बार फिर गिरजा शंकर शर्मा का टिकट काटकर उनके छोटे भाई डॉक्टर सीतासरन शर्मा को टिकट दे दी गई. साल 2013 में चुनाव जीतकर डॉ सीतासरन शर्मा विधानसभा अध्यक्ष बने. साल 2018 में भी उन्होंने चुनाव जीता.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने होल्ड रखी आमला सीट पर उम्मीदवार का किया ऐलान, निशा बांगरे को बड़ा झटका

यह विचारों की लड़ाई है

भाजपा प्रत्याशी डॉ सीतासरन शर्मा ने एमपी तक से बातचीत में कहा कि जहां तक चुनाव का सवाल है पार्टी के नीति रीति सिद्धांत है उन पर चलकर के हम चुनाव को लड़ेंगे. संगठन की ताकत से लड़ेंगे. नेता और नियत की बात है जैसे हमारे नेता हैं नरेंद्र मोदी और उनके नेता हैं राहुल गांधी. नीति-नेता और नियत में हम बिल्कुल डिफरेंट हैं, और जनता ने इस बात को वर्षों वर्ष स्वीकार किया है. भाई के सामने चुनाव लड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि यह विचारों की लड़ाई है. यह पार्टी स्तर की है, इसमें कोई निजी स्तर का झगड़ा नहीं है. मैं सोचता हूं स्वस्थ लोकतंत्र का इससे अच्छा उदाहरण नहीं हो सकता.

ये भी पढ़ें: अखिलेश पढ़ा-लिखा और शरीफ लड़का… दिग्विजय सिंह ने सपा से गठबंधन पर कह दी ये बड़ी बात

हमने मना किया था, लेकिन….

टिकट मिलने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी गिरिजा शंकर शर्मा ने एमपी तक से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी आई है प्रदेश में बेहतर सेवा करने का वायदा लेकर. दूसरी और भाजपा पार्टी ने इस प्रदेश को पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त कर रखा है. वहीं भाई के सामने चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने पहले मना कर दिया था कि हम उनके खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे. चुनाव तो कांग्रेस लड़ेगी, इसलिए उन्होंने मुझसे पूछा था तो मैंने कहा ठीक है.

इनपुट- नर्मदापुरम से पीतांबर जोशी की रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: रंजना बघेल के टिकट कटने पर ये क्या बोल गए कैलाश विजयवर्गीय, छलका पूर्व मंत्री का दर्द

    follow google newsfollow whatsapp