कौन हैं तोलाराम कचौरी वाले? जिनका शाजापुर में पीएम मोदी ने बार-बार किया जिक्र, सुनाया वो किस्सा

मनोज पुरोहित

15 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 15 2023 5:47 AM)

तोलाराम की कचौरी चर्चा में आ गई हैं. पीएम मोदी ने पुरानी यादों का जिक्र करते हुए तोलाराम की कचौरी की जमकर तारीफ की.

Who is Tolaram Kachoriwale, MP Election 2023, PM Modi, Madhya Pradesh, Shajapur

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MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों (Madhya Pradesh Vidhansabha Chunav) की वोटिंग होने में मात्र दो दिन का समय बचा है. तमाम राजनीतिक दलों का चुनावी प्रचार आज से थम जाएगा. मंगलवार को पीएम मोदी ने शाजापुर में आखिरी रैली की. इसी बीच तोलाराम जी की कचौरी चर्चा में आ गई हैं. पीएम मोदी ने पुरानी यादों का जिक्र करते हुए तोलाराम की कचौरी की जमकर तारीफ की.

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पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान पहले मालवा की दाल-बाटी की बात की. इसके बाद शहर के प्रसिद्ध हलवाई तोलाराम की कचौरी को याद किया. पीएम मोदी ने कहा जब जनसंघ के समय यहां आए थे, उस समय उन्होंने यहां मालवा का प्रसिद्ध दालबाटी का भोजन और तोलाराम की कचोरी खाई थी. उन्होंने कहा कि आज मेरे पास समय कम है, 3 दिसंबर को हम दीवाली मनाएंगे और अगली बार जब आउंगा तो यहां की दालबाटी और तोलाराम की कचौरी खाऊंगा. पीएम मोदी के इन शब्दों ने पूरे माहौल को जायकेदार बना दिया.

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1990 में पहली बार लिया था स्वाद

पीएम मोदी द्वारा तोलाराम जी और उनकी कचौरी के जिक्र के बाद तोलाराम जी का नाम एक बार फिर शहर में उनका नाम फिर चर्चाओं में है. तोलाराम की कचौरी उस समय शाजापुर में काफी मशहूर हुआ करती थी. तोलाराम जी ने बताया कि पीएम मोदी जब पीएम नहीं थे, वे प्रचारक के रूप में यहां आए थे और कचौरी का स्वाद लिया था. उस समय हमारे यहां ग्राहकों की भीड़ लगी रहती थी. उन्होंने बताया कि अब तो उन्होंने दुकान बंद कर दी है और घर पर ही कचौरी बनाते हैं. अब वे नहीं उनका बच्चा यह काम संभालता है.

ऐसे बनाते थे कचौरी

तोलाराम जी ने उस समय को याद करते हुए बताया, “उस समय कचौरी बनाने का आनंद ही अलग था. मसाले भी हाथों से तैयार करते थे जिसमें हींग का इस्तेमाल होता था तो कचोरी के साथ जो चटनी होती थी वह कहीं नहीं मिलती थी. मुझे खुशी है कि उस समय का स्वाद मोदी जी को पीएम बनने के बाद भी याद है और विशाल जनसमुदाय के सामने उन्होंने मुझे याद करके मेरा मान बढ़ा दिया है.

1997 का वो किस्सा

बात 1997 की है. मध्यप्रदेश के प्रभारी रहे मोदी जब शाजापुर में मेरा बूथ सबसे मजबूत के लिए आये थे, तब भी तोलाराम की कचौरी का स्वाद लिया था. पीएम मोदी को उस समय कचौरी का स्वाद इतना भाया था कि वे अपने साथ कचौरी भोपाल भी ले गये थे. पीएम मोदी द्वारा कचौरी की तारीफ करने के बाद लोग सभा से निकलकर तोलाराम जी के घर पहुंच गए. जब लोगों ने तोलाराम जी को बताया कि पीएम मोदी ने उनकी भरोसा नहीं हुआ तो लोगों ने उन्हें वीडियो क्लिप भी दिखाई. तब तोलाराम जी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

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