MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Election 2023) से पहले दल-बदल का सिलसिला जारी है. कभी कांग्रेस बीजेपी के खेमे में सेंध लगा रही है तो कभी बीजेपी (MP Congress) कांग्रेस की घेराबंदी कर रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस ने आज बीजेपी (MP BJP) को नर्मदापुरम से एक और बड़ा झटका दिया है. आज (रविवार) बीजेपी के पूर्व विधायक पंडित गिरजाशंकर शर्मा (Girja Shankar Sharma) ने कांग्रेस पार्टी का दामन थामकर बड़ा झटका दिया है. गिरिजा शंकर शर्मा के साथ ही टीकमगढ़ की खरगापुर विधानसभा से बीजेपी नेता भी कांग्रेस में शामिल हुए. जिला पंचायत उपाध्यक्ष टीकमगढ़ व बीजेपी नेता श्याम रत्न भक्ति तिवारी और जिला पंचायत सदस्य मोहनी तिवारी भी हुई कांग्रेस का दामन थाम लिया.
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सैकड़ों समर्थकों के गिरिजाशंकर शर्मा रविवार को प्रदेश कार्यालय भोपाल पहुंचे और पीसीसी चीफ एवं पूर्व सीएम कमलनाथ के सामने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. पूर्व विधायक के कांग्रेस में शामिल होने ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि गिरिजाशंकर शर्मा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान बीजेपी विधायक सीतासरन शर्मा (Sita Saran Sharma) के बड़े भाई हैं. इससे पहले 4 सितंबर को गुन्नाैर से बीजेपी के पूर्व विधायक महेंद्र बागरी ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
पूर्व सीएम कमलनाथ ने नेताओं को दिलाई सदस्यता, देखें VIDEO
दो बार विधायक रह चुके हैं गिरिजा शंकर शर्मा
प्रदेश की राजनीति में गिरजाशंकर शर्मा बड़ा नाम है. वह दो बार विधायक, दो बार भाजपा के जिला अध्यक्ष और नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं. गिरिजाशंकर शर्मा की नर्मदापुरम में अच्छी खासी पकड़ है. ऐसे में जनसंघ के समय से पार्टी का झंडा लेकर चलने वाले पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा द्वारा भाजपा छोड़ने से भाजपा को नुकसान हो सकता है. इससे पहले शिवपुरी जिले की कोलारस सीट से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने पार्टी से इस्तीफा दिया था और वह भी समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
10 साल से बीजेपी कर रही थी उपेक्षा: शर्मा
बता दें कि बीते दिनों नर्मदापुरम के पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने आरोप लगाए थे कि बीते 10 साल से अधिक समय से पार्टी उनकी उपेक्षा कर रही है. संगठन में नए लोग आ गए हैं, यह नए लोग पुराने लोगों को लगातार दरकिनार कर रहे हैं. पुराने नेताओं की पूछ-परख नहीं की जा रही है और संगठन में भी कोई सुनने वाला नहीं है. विधानसभा चुनाव से 2 महीने पहले शर्मा के बीजेपी छोड कांग्रेस में जाने से होशंगाबाद की राजनीति के समीकरण प्रभावित होंगे, क्योंकि शर्मा परिवार का नर्मदापुरम की राजनीति में खासा दखल है.
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