CM Shivraj Singh Chauhan: मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, ये तय करने बीजेपी ने ऑब्जर्वर नियुक्त कर दिए हैं. लेकिन उनके भोपाल पहुंचने से पहले ही मध्यप्रदेश की राजनीति गरम होने लगी है. शिवराज सिंह चौहान अगले सीएम होंगे या नहीं, यह तो विधायक दल की बैठक और रायशुमारी से तय होगा लेकिन शिवराज सिंह चौहान ग्राउंड पर अपनी अहमियत बताने लगातार घोषणाएं कर रहे हैं. महिलाओं को लेकर एक ओर बड़ा ऐलान सीएम शिवराज ने किया है. सीएम शिवराज के अनुसार अब लाड़ली बहना के बाद लखपति बहना योजना की शुरूआत की जाएगी.
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सीएम शिवराज ने कहा है कि ‘लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी जी को 29 सीट जीतकर देनी है. राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. ऐसे में लाड़ली बहना के बाद लखपति बहना का सफर शुरू होगा. बहनों को प्रतिमाह 10 हजार रुपये तक देंगे. लाड़ली बहनों की जिंदगी बदलना भाई का मिशन है’.
उन्होंने कहा कि ‘एक-एक वचन और एक-एक वादा पूरा करेंगे. प्रत्येक परिवार में एक सदस्य को रोजगार की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है. लाडली बहनों की जिंदगी में अंधेरा नहीं रहने देंगे. लोग कह रहे थे कांटे का मुकाबला है लेकिन सभी कांटे बहनों ने निकाल दिए. मामा का पद दुनिया में सबसे बड़ा पद है इससे बड़ा पद कोई भी नहीं है’.
लखपति बहना योजना क्या है?
लखपति बहना के जरिए महिलाओं को हर महीने दस हजार रुपए देने का ऐलान बड़ी घोषणा है. लेकिन ये तभी पूरी हो सकेगी जब शिवराज सिंह चाैहान को सीएम बनाया जाएगा. चूंकि सीएम पद की दौड़ में आधा दर्जन अन्य उम्मीदवार भी हैं, ऐसे में शिवराज सिंह चौहान अपना दावा पार्टी के अंदर मजबूत करने के लिए महिला प्राथमिकता वाली योजनाओं की घोषणा कर बीजेपी आलाकमान पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं.
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शिवराज ने साधा कमलनाथ और दिग्विजय पर निशाना
शिवराज सिंह चौहान बीते दिन राघोगढ़ में थे. ‘शिवराज सिंह चौहान ने वहां पर कहा कि आजकल बहाने बनाए जा रहे हैं कि ईवीएम-ईवीएम में हार गए. अरे ईवीएम में हार जाते तो बंटी बना को हम 400 वोट से कैसे पीछे रहने देते राजा. हम वहीं नहीं जिता देते. खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे. कमलनाथजी, दिग्विजय सिंह जी ईवीएम ने नहीं आपके अहंकार ने आपको हराया’.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘जिस दिन कर्नाटक जीती कांग्रेस उस दिन मान बैठी थी कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की जीत पक्की हो गई है. क्योंकि अहंकार से भर गए. अब तो बन गई सरकार, जीत गए. लोगों ने तो कपड़े सिला लिए, सूट..मंत्रिमंडल बन गया. विभागों के लिए लड़ाई चल रही थी कि कौन-सा विभाग किस को देंगे’. लेकिन ग्राउंड पर क्या हो रहा है उससे दिग्विजय सिंह और कमलनाथ बेखबर थे.
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