दिग्विजय सिंह ने CM मोहन यादव को लिखा कड़ा पत्र, पटाखा विस्फोट पर रख दी ये डिमांड

रवीशपाल सिंह

15 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 15 2024 8:02 AM)

दिग्विजय सिंह ने हरदा पटाखा विस्फोट को लेकर सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है. दिग्विजय सिंह ने सीएम मोहन यादव को लिखे पत्र में कई मांगे उठाई हैं और अपने कुछ सुझाव भी सीएम मोहन यादव को दिए हैं.

Digvijay singh, digvijay singh news, ram mandir, mohan yadav, ayodhya ram mandir,

Digvijay singh, digvijay singh news, ram mandir, mohan yadav, ayodhya ram mandir,

follow google news

Digvijay Singh: दिग्विजय सिंह ने हरदा पटाखा विस्फोट को लेकर सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है. दिग्विजय सिंह ने सीएम मोहन यादव को लिखे पत्र में कई मांगे उठाई हैं और अपने कुछ सुझाव भी सीएम मोहन यादव को दिए हैं. दिग्विजय सिंह ने अपने इस पत्र के जरिए न सिर्फ प्रशासनिक कमजोरियों की तरफा ध्यान दिलाया है बल्कि अपने सुझावों के जरिए कमियों को दूर करने के बारे में भी बताया है. हालांकि दिग्विजय सिंह इस पत्र के जरिए भी राजनीति करते दिख रहे हैं. फिलहाल सीएम मोहन यादव की तरफ से दिग्विजय सिंह के इस पत्र पर कोई जवाब अब तक नहीं आया है.

यह भी पढ़ें...

दिग्विजय सिंह अपने पत्र में लिखते हैं कि “प्रिय डाॅ. मोहन यादव जी, दिनांक 6 फरवरी 2024 को सुबह हरदा जिले के बैरागढ़ गाॅव में पटाखा फेक्ट्री में हुई दुर्घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए है. मैने दिनांक 11 फरवरी 2024 को हरदा के उस स्थान का दौरा किया था जहाॅ यह घटना हुई है. फेक्ट्री में हुये विस्फोट और आग की घटना ने 50 से अधिक घरों को अपनी चपेट में लिया है और लोगों की जान-माल की भारी क्षति हुई है”.

जिसके लिये हरदा जिला प्रशासन मुख्य रूप से जिम्मेदार है. यह तथ्य सार्वजनिक है कि तत्कालीन कलेक्टर ने इस फैक्ट्री का लाइसेंस रद्द कर दिया था किन्तु कमिश्नर नर्मदापुरम ने कलेक्टर के आदेश पर एक माह के लिए स्थगन दे दिया और स्थगन की अवधि समाप्त होने के बाद भी फेक्ट्री को काम करने की अनुमति दी गई. इसलिए इस दुखद घटना के लिए कमिश्नर नर्मदापुरम और कलेक्टर हरदा को उक्त अपराध के लिये उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए और इन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए.

दिग्विजय सिंह ने की ये मांगें

दिग्विजय सिंह पत्र में लिखते हैं कि “इस फेक्ट्री में बिहार और मध्य प्रदेश के अन्य जिलों के मजदूर काम करते थे. इनमें से बड़ी संख्या में मजदूर फैक्ट्री मालिक द्वारा बनाये गये अस्थायी घरों या शेड में निवास कर रहे थे जो सभी क्षतिग्रस्त हो गये है, इसलिए क्षतिग्रस्त घरों को या तो जमीन पर गिराकर पूरी तरह से बनाया जाना चाहिए या जिनकी पूरी तरह से मरम्मत की जा सकती है उनकी पूरी तरह से मरम्मत करवायी जाना चाहिए. मेरी जानकारी में यह भी आया है कि हरदा में 600 घरों की एक ईडब्ल्यूएस कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है. ऐसे सभी परिवार जिनके घर रहने योग्य नहीं हैं, उन्हें अस्थायी रूप से उन घरों में स्थानांतरित किया जा सकता है”.

फैक्ट्री के पास कुछ गरीब लोग सरकारी जमीन पर रह रहे हैं, उन्हें आवासीय भूखंड दिया जाना चाहिए या ईडब्ल्यूएस आवास योजना में समायोजित किया जाना चाहिए और झुग्गियों में निवास कर रहे लोगों को जो आवासीय भूखंड के पट्टे दिए गए हैं, उन्हें फ्री होल्ड किया जाना चाहिए. घायलों को अभी तक कोई मुआवजा नही मिला है, वह तत्काल दिया जाना चाहिए.

फेक्ट्ररी में काम करने वालों की सही संख्या सरकार जारी करे- सीएम मोहन यादव

मध्यप्रदेष सरकार ने को फेक्ट्री में काम करने वाले लापता व्यक्तियों की कोई सार्वजनिक सूचना जारी नही की है इससे अभी भी यह भ्रम है कि मरने वाले लोगों की संख्या अधिक हो सकती है. इसलिए फेक्ट्री में काम करने वाले लोगों की संख्या सार्वजनिक करनी चाहिए तथा फैक्ट्री के मलबे की फोरेंसिक जांच होनी चाहिए. यह घटना कोई सामान्य घटना नही है और इसके लिये प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है इसलिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय करने हेतु न्यायिक जांच स्थापित की जानी चाहिए जो 6 माह में अपनी रिपोर्ट सौंपे। इन फेक्ट्रियों में काम करने वाली या उसके आसपास के क्षेत्र में निवास करने वाली बहुत सी महिलाएँ स्वसहायता समूहों की सदस्य थीं और फैक्टरी में काम करके अपना बकाया ऋण चुका रही थीं, वे अब अपना ऋण नहीं चुका सकती है। ऐसे ऋणों को माफ कर दिया जाना चाहिए.

दिग्विजय सिंह ने दिए ये सुझाव

1. तमिलनाडु का सिवाकासी भारत में 90 प्रतिशत पटाखों का उत्पादन करता है. मध्यप्रदेश सरकार को एक टीम सिवाकासी भेजनी चाहिए जो वहाॅ पर विस्फोटकों का उपयोग करके पटाखों के निर्माण किये जाने और सुरक्षा संबन्धी पहलुओं का अध्ययन करें और राज्य के लिए एक दोषमुक्त नीति तैयार करे.

2. मध्यप्रदेश सरकार को पटाखों के निर्माण हेतु लाइसेंसिंग नीति में निर्धारित मानदण्डों के अनुसार, विशेष रूप से अग्नि सुरक्षा के संबन्ध में आवष्यक निरीक्षणों को सख्ती से लागू करना चाहिए.

3. पटाखे निर्माण करने वाली फैक्ट्रियों के एक किमी के दायरे में कोई बस्ती नहीं होनी चाहिए.

4. मौजूदा फैक्ट्रियों को बस्ती से कम से कम 1 किमी दूर तत्काल स्थानांतरित किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- शिवराज सिंह चौहान की गाड़ी को भोपाल में अचानक रोका गया, पूर्व CM रह गए हैरान

    follow google newsfollow whatsapp