MP Politics: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान गुना के पूर्व सांसद केपी यादव के राजनीतिक भविष्य को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने मंच से ऐलान किया था. कि उनका राजनीतिक भविष्य वे बनाएंगे. लेकिन, अब केपी यादव का राजनीतिक भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस समय न तो उनके पास संगठन में कोई जिम्मेदारी है, और न ही पार्टी ने उन्हें कोई बड़ा पद दिया है. मंगलवार को पार्टी ने राज्यसभा उम्मीदवार का ऐलान भी कर दिया है. जिसके बाद कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया पर केपी यादव से हार का बदला लेने का आरोप लगा रही है.
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कांग्रेस के पोस्ट से मची खलबली
दरअलस मध्य प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट साझा की गई है. जिसके बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो चली हैं, कांग्रेस ने इस पोस्ट में लिखा "सिंधिया ने केपी यादव से बदला लिया, गुना लोकसभा से ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने वाले केपी यादव का पहले लोकसभा टिकट काटा गया, उसके बाद राज्यसभा जाने से भी रोक दिया गया."
आगे लिखा "मोहन यादव जी, एक यादव नेता पर अत्याचार होता रहा और आप मूकदर्शक बने रहे ? अपनों से ग़द्दारी जारी है, ग़द्दारी की उन्हें बीमारी है."
सिंधिया को एडजस्ट करने में केपी ने छोड़ी थी सीट
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुना लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था. सिंधिया के इस्तीफे से खाली हुई इस सीट पर सबसे मजबूत दावेदारी केपी यादव की थी. दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा का चुनाव लड़ाने के लिए तत्कालीन गुना सांसद केपी यादव की सीट सिंधिया को दी गई थी.
यही कारण है कि सिंधिया की राज्यसभा सीट पर के पी यादव सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे थे. लेकिन पार्टी ने मध्य प्रदेश के बजाय केरल से आने वाले केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन को अपना प्रत्याशी बनाया है. यही कारण है कि अब कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर हेा गई है.
के पी यादव ने साधा मौन
राज्यसभा उम्मीदवार के ऐलान और कांग्रेस द्वारा की गई पोस्ट के बाद भी के पी यादव की तरफ से अब तक केाई बयान सामने नहीं आया है. अब ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर भारतीय जनता पार्टी ने उनके लिए क्या सोचा है? अब देखना होगा कि कांग्रेस के पोस्ट के बाद केपी यादव या भारतीय जनता पार्टी को बयान देती या फिर नहीं.
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