Kamal Nath meeting: कमलनाथ ने मंगलवार को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के सभी 230 प्रत्याशियों को भोपाल बुला लिया और पीसीसी कार्यालय में एक लंबी बैठक की गई. जिसमें हार के कारणों की समीक्षा की गई. समीक्षा के दौरान कमलनाथ के सामने कई प्रत्याशियों ने बताया कि उनके पैतृक गांव में 50 या इससे भी कम वोट मिले हैं. ऐसा कैसे संभव है कि खुद के पैतृक गांव में ही 50 वोट भी ना मिले. इससे अधिक वोट तो हर प्रत्याशी के परिवार से ही मिल जाएंगे. प्रत्याशियों ने कमलनाथ को बताया ईवीएम मशीनों में हेरा-फेरी की गई है.
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सभी की बात सुनने के बाद कमलनाथ ने भी कहा कि ये फैक्ट जांच करने योग्य है कि प्रत्याशियों को उनके पैतृक गांव में सिर्फ 50 वोट ही मिले, ये तो असंभव है. कमल नाथ ने कहा, ”हमने उन उम्मीदवारों को बुलाया है, जो अपनी सीटें हारे भी हैं और जीते भी हैं. मैं सुबह कुछ विधायकों से मिला.
उन्होंने कहा कि उनके पैतृक गांव में उन्हें 50 वोट मिले. ऐसा कैसे हो सकता है? कमलनाथ ने कहा कि सभी प्रत्याशी और विधायक अपने चुनाव की पूरी समीक्षा करें, इसका वैज्ञानिक ढंग से विश्लेषण करें कि वे क्यों हारे या क्यों जीते. उन्होंने सभी प्रत्याशियों से अगले दस दिन के अंदर दो अलग-अलग रिपोर्ट उनके पास भेजने को बोला है.
कमलनाथ ने कहा- अब लोकसभा की तैयारी में जुटेंगे
कमलनाथ ने कहा कि एक रिपोर्ट में चुनाव का विश्लेषण और दूसरी रिपोर्ट में संगठन की समीक्षा गुप्त रूप से भेजी जाये. उन्होंने कहा कि वे अतिशीघ्र पूरे प्रदेश का दौरा करेंगे और लोकसभा चुनाव की तैयारी में पूरी पार्टी जुट जायेगी. कमलनाथ ने प्रत्याशियों और विधायकों से बैठक में अपना चुनाव अनुभव रखने का आग्रह किया. ज्यादातर जीते हुये विधायकों और प्रत्याशियों ने अपने जो अनुभव साझा किये उसमें कई बातें निकलकर सामने आई हैं.
हार की समीक्षा में ये बड़े सवाल
1. जहां कांग्रेस पार्टी बडे़ अंतर से पराजित हुई है, वहां 100 से अधिक ईव्हीएम मशीनें मतगणना के समय 99 प्रतिशत तक चार्ज मिली. जबकि मतदान के दौरान 10 घंटे से ज्यादा इनका उपयोग हो चुका था. इसका आशय हुआ कि मतगणना की प्रक्रिया के दौरान इन मशीनों का बिल्कुल उपयोग नहीं हुआ, जो कि किसी भी सूरत में संभव नहीं है. इससे इस बात का शक होता है कि या तो ईव्हीएम बदलीं गई या उनके साथ छेड़छाड़ की गई.
2. प्रत्याशियों ने बताया कि औसतन 100 ईव्हीएम मशीने या 20 हजार वोट से छेड़छाड़ का गंभीर मामला दिखाई देता है.
3. जब पोस्टल वोट में कांग्रेस को प्रचण्ड बहुमत मिल रहा था तो ईव्हीएम मशीन में अचानक से कम हो जाना संदेह पैदा करता है.
4. इस हेरफेर से भाजपा ने जब ज्यादातर सीटों पर अपनी बढ़त हासिल कर ली, तो प्रशासन पर दबाव बनाकर मतगणना के आखिरी पांच राउंड में कम अंतर से पीछे चल रहे या आगे चल रहे कांग्रेस के प्रत्याशियों को हारा हुआ घोषित कर दिया गया.
5. सभी प्रत्याशियों ने कहा कि मप्र की जनता ने कमलनाथ जी के नेतृत्व पर भरोसा जताया है और प्रत्याशियों को भी कमलनाथ जी के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है, अब असल आवश्यकता इस बात की है कि पूरी तरह संदिग्ध हो चुकी ईव्हीएम को चुनाव प्रक्रिया से हटाने के लिए कारगर उपाय किये जायें.
6. प्रत्याशियों ने यह भी बताया कि इस बार उन्हें भाजपा के प्रभाव वाले बूथों पर पहले की तुलना में ज्यादा वोट मिले, जबकि उनके सबसे मजबूत बूथों पर उनके वोट अप्रत्याशित रूप से नीचे आये.
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