MP Election 2023: मध्य प्रदेश के 8 पूर्व CM के बेटे-बहू चुनावी मैदान में, क्या बचा पाएंगे साख?

अमन तिवारी

30 Nov 2023 (अपडेटेड: Nov 30 2023 6:10 AM)

मध्य प्रदेश में आने वाली नई सरकार को लेकर अटकलें लगनी खत्म हो जाएंगी. इस सब के बीच कई ऐसी सीटें हैं जिनपर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. कई सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्रियों के राजनीतिक उत्तराधिकारी चुनावी मैदान में हैं. जान लीजिए उनकी सीटों का हाल!

Exit Poll result live updates, Exit Poll result live, Exit Poll live updates, Exit Poll live, jayvardhan singh, digvijay singh, arjun singh, kailash joshi, deepak joshi, uma bharti, rahul lodhi, sundarlal patwa, mp news, mp election 2023, mp election

Exit Poll result live updates, Exit Poll result live, Exit Poll live updates, Exit Poll live, jayvardhan singh, digvijay singh, arjun singh, kailash joshi, deepak joshi, uma bharti, rahul lodhi, sundarlal patwa, mp news, mp election 2023, mp election

follow google news

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल (Exit Poll result live) आज शाम को सामने आएंगे. इसके बाद एक मध्य प्रदेश में आने वाली नई सरकार को लेकर अटकलें लगनी खत्म हो जाएंगी. इस सब के बीच कई ऐसी सीटें हैं जिनपर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. कई सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्रियों के राजनीतिक उत्तराधिकारी चुनावी मैदान में हैं. मध्य प्रदेश की 8 सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे, बहू व भतीजे चुनाव मैदान हैं, जिनमें से कई सीटों पर पेंच फंसता नजर आ रहा है. आइए जानते हैं कि इनकी मौजूदा स्थिति कैसी है और हार जीत को लेकर क्या अनुमान लगाया जा रहा है.

यह भी पढ़ें...

पूर्व मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सखलेचा जावद सीट पर 5 बार विधायक रहे हैं. फिर इसके बाद इनके बेटे की एंट्री होती है और वह भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए यहां पर कामयाबी हासिल करते हैं. 2003 से लेकर 2018 तक लगातार 4 चुनाव में ओम प्रकाश सखलेचा जीत हासिल कर चुके हैं. लेकिन पिछले चुनाव में सखलेचा की सीट पर कड़ी टक्कर देखने को मिली थी. इस समय ओमप्रकाश सखलेखा राज्य सरकार में मंत्री भी हैं. लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों की टक्कर का असर बार भी इस सीट पर देखने को मिल रहा है.

खातेगांव में दीपक को मिली कड़ी टक्कर

राजनीति के संत कहे जाने वाले कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी इस बार कांग्रेस की टिकट पर खातेगांव विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. जब तक उनकी टिकट फाइनल हुई थी तब तक वे खुद को बुधनी सीट से चुनाव लड़ने को लेकर प्रोजेक्ट करते नजर आए थे. लेकिन बात में खातेगांव से टिकट मिलने के बाद उनका खासा विरोध देखा गया था. इस सीट पर कांग्रेस को बीजेपी कड़ी टक्कर दे रही है. इसी कारण इस सीट के परिणाम को लेकर कुछ भी हो सकता है.

विवादों से सुलझ पांएगे ध्रुवनारायण?

ध्रुवनारायण सिंह का जन्म सतना जिले के रामपुर बाघेलान में हुआ था. उनके पिता मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह थे. वहीं उनके दादा विंध्य प्रदेश के पहले प्रधान मंत्री अवधेश प्रताप सिंह थे. ध्रुव नारायण सिंह ने 2008 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इसी सीट से जीत हासिल की थी. बता दें कि भोपाल मध्य विधान सभा सीट से ध्रुव नारायण सिंह कांग्रेस नेता नासिर इस्लाम को हराकर विधायक बने थे. राजनीतिक जानकारों की माने इस सीट पर ध्रुव नारायण सिंह को कड़ी टक्कर मिल रही है. यहां से कांग्रेस को ऐज मिलता नजर आ रहा है. क्योंकि ध्रुव नारायण सिंह का पुराना इतिहास विवादों से भरा रहा है.

ये भी पढ़ें: MP Election 2023 Exit Poll: मध्य प्रदेश में किसकी बनेगी सरकार? शाम 7 बजे से एग्जिट पोल से मिलेंगे बड़े संकेत

पिछली हार का बदला लेने तैयार राहुल

पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राहुल सिंह पिछले विधानसभा चुनाव में हार गए थे. इसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा था. इसी हार से सबक लेते हुए पूरे पांच साल अजय सिंह राहुल ने अपने क्षेत्र में जमकर मेहनत की है. इसी कारण इस सीट पर राहुल सिंह को ऐज मिलता नजर आ रहा है.

जयवर्धन की जीत आसान

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस को इस चुनाव में लीड करने वाले दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह इस बार भी राघोगढ़ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. ये सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. यहां कांग्रेस अभी भी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है.

ये भी पढ़ें: MP चुनाव को लेकर सटोरियों का फाइनल रिजल्ट! कांग्रेस की जीत लेकिन बीजेपी को महज इतनी सीटें?

उमा के भतीजे निकाल पाएंगे सीट?

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल लोधी खरगापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती समय-समय पर अपनी ही सरकार को घेरने का काम करती रहती हैं. चुनाव के पहले ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि राहुल लोधी की सीट में परिवर्तन हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ राहुल खरगापुर से ही चुनाव लड़ रहे हैं. राहुल लोधी का मुकाबला चंदा गौर से है. इन्हें कुछ ही समय पहले मंत्री बनाया गया था, राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस सीट पर आने वाले परिणाम कुछ भी हो सकता है.

गोविंदपुरा से कृष्णा मजबूत

पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल गौर की बहू कृष्णा गौर अपनी परंपरागत सीट गोविंदपुरा से चुनाव लड़ रही हैं. ये बीजेपी का गढ़ कही जाती है. इसी सीट से कभी बाबू लाल गौर भी चुनकर आते थे. यही कारण है कि इस सीट पर कृष्णा गौर को बढ़त मिलती नजर आ रही है. राजनीतिक पंडितों की माने तो यहां से चुनाव परिणाम बीजेपी के पक्ष में ही जाएगा.

ये भी पढ़ें: ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख दांव पर! सिंधिया समर्थक इन मंत्रियों की सीटों ने बढ़ाई टेंशन

    follow google newsfollow whatsapp