MP Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी किसी भी कीमत पर सत्ता का फिर से अपने हाथ में रखना चाहती है. यही कारण हैं कि पार्टी की तरफ से पूरी तागत झोंकी जा रही है. खास बात यह है कि टिकट मिलने के बाद अब फग्गन सिंह कुलस्ते का पहला रिएक्शन सामने आया है. जिसमें उन्होंने चुनाव लड़ने को लेकर बड़ी बात कही है. कुलस्ते का कहना है कि पार्टी ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है वह उसे जरूर निभाएंगे.
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दरअसल जब कुलस्ते से मीडिया ने पूछा कि आपको केंद्रीय मंत्री जैसे बड़े नेतृत्व के बाद विधानसभा का चुनाव लड़ना कितना सही लगता है, और क्या इस निर्णय को लेकर पार्टी द्वारा आपसे सलाह ली गई थी. उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा “पार्टी ने एक बार कहा था कि पार्टी ऐसा चाहती है कि आप विधानसभा चुनाव लड़ें. तब मैंने एक लाइन में सीधा जवाब दिया था, कि पार्टी का जो आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा” यही कारण है कि मैं विधानसभा चुनाव लड़ रहा हूं.
जहां से कभी शुरू की थी राजनीति आज वहीं कुलस्ते!
फग्गन सिंह कुलस्ते 1990 में पहली बार निवास सीट से ही विधायक बने थे. इसके बाद ही सांसद और केंद्रीय मंत्री तक का सफर पूरा किया है. उनके भाई रामप्यारे कुलस्ते भी निवास सीट से विधायक रह चुके हैं, लेकिन पिछले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में एक बार फिर बीजेपी ने फग्गन सिंह कुलस्ते को यहां से विधायक का टिकट दिया है. इस टिकट के पीछे बीजेपी की बड़ी रणनीति काम कर रही है. कुलस्ते को टिकट देकर पार्टी ने सीधा साफ संदेश दे दिया है कि पार्टी से बड़ा कोई नेता नहीं हैं. फग्गन सिंह कुलस्ते बड़े आदिवासी नेताओं में गिने जाते हैं, इनके प्रत्याशी बनांए जाने से सीधा आदिवासी वोटों पर असर दिखेगा.
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खुद के CM फेस को लेकर क्या बोले कुलस्ते?
फग्गन सिंह कुलस्ते को टिकट दिये जाने के बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है. लोगों की मानें तो बीजेपी ने फग्गन सिंह कुलस्ते को बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए चुनावी मैदान में उतारा है. लोगों की बात करें तो उनका मानना है हो सकता है कि बीजेपी इस मध्यप्रदेश का पहला आदिवासी मुख्यमंत्री बना सकती है. इन सब चर्चाओं पर कुलस्ते ने कहा “हमारी प्राथमिकता अभी चुनाव जीतना है, मध्यप्रदेश को जिताना ही हमारा लक्ष्य है.
आदिवासी सीटों पर बीजेपी की नजर
मध्यप्रदेश में पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी का सत्ता से बाहर करने और कांग्रेस को सत्ता में लाने के पीछे आदिवासी सीटों की बड़ी भूमिका रही है. उस चुनाव में बीजेपी को 25 आदिवासी सीटों का नुकशान हुआ था. जिसके कारण उसे सत्ता से दूर होना पड़ा था. इसीलिए बीजेपी इस बार कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहती है. चुनाव के काफी पहले से ही पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी है. फग्गन सिंह कुलस्ते ने इन सीटों को लेकर कहा “इस कांग्रेस के झूठ में कोई आने वाला नहीं है. हम अपनी योजनाओं और काम के बल पर ये सभी सीटें जीतने में सफल रहेंगे.
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