विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का दांव, बहू को जेठ के खिलाफ दिया टिकट, दिलचस्प होगा मुकाबला

अमन तिवारी

20 Oct 2023 (अपडेटेड: Oct 20 2023 2:18 AM)

MP Election 2023: मध्य प्रदेश में अगले महीने 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसको लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. आखिरकार कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची भी जारी कर दी है. इस सूची में 85 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है. अब केवल बैतूल जिले की […]

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MP Election 2023: मध्य प्रदेश में अगले महीने 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. जिसको लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं. आखिरकार कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची भी जारी कर दी है. इस सूची में 85 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई है. अब केवल बैतूल जिले की आमला सीट पर प्रत्याशी घोषित होना बाकि है. दूसरी सूची में कांग्रेस ने सागर विधानसभा से निधि जैन को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं बीजेपी ने शैलेंद्र जैन को अपना प्रत्याशी बनाया है. ये दोनों ही प्रत्याशी न सिर्फ एक ही परिवार के बल्कि दोनों के बीच जेठ बहू का रिश्ता हे.  अब आने वाले दिनों में कांग्रेस और बीजेपी के साथ ही जेठ और बहू के बीच जंग देखने को मिलेगी.

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सागर विधानसभा से तीन बार से विधायक शैलेंद्र जैन को बीजेपी ने एक बार अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने देवरी से कांग्रेस विधायक रहे सुनील जैन शैलेंद्र जैन की पत्नि निधि को अपना प्रत्याशी बनाया है. शैलेंद्र और सुनील जैन सगे भाई हैं. नगरीय निकाय चुनावों में सुनील जैन की पत्नी निधि जैन कांग्रेस से महापौर की प्रत्याशी थीं. ऐसे में भाजपा विधायक होने के कारण शैलेंद्र जैन पर राजनीतिक दबाव बन गया और जैसे-तैसे उन्होंने एड़ी चोटी का जोर लगाकर भाजपा प्रत्याशी संगीता तिवारी को महापौर बना दिया. लेकिन इस बार खुद शैलेंद्र और निधि के आमने- सामने होने से मुकाबला जबरदस्त होने वाला है.

कैसा रहा सागर विधानसभा का इतिहास

सागर विधानसभा सीट पर लंबे समय जैन प्रत्याशी ही जीतते आ रहे हैं. यही कारण है कि कांग्रेस ने भी निधि को टिकट देना उचित समझा. सागर विधानसभा से 1985 में सबसे पहले कांग्रेस के प्रकाश मोतीलाल जैन विधायक बने, जो 1990 में भी जीते थे. इसके बाद 1993 में इन्हें भाजपा प्रत्याशी सुधा जैन से महज 669 वोटो की हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद सुधा जैन और फिर मौजूदा विधायक शैलेंद्र जैन तीन-तीन बार विधायक चुने गए. लगातर लंबे समय से जैन प्रत्याशी ही चुनते आ रहे हैं यही कारण है कि पार्टियों को मजबूरन जैन प्रत्याशी ही मैदान में उतारना पड़ता है.

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