Madhya Pradesh Chunav 2023: मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव (MP Election 2023) से पहले राजनीतिक माहौल गरमाहट लेने लगा है, जहां हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दे तेजी से उभर रहे हैं. इस मायने में, कांग्रेस पार्टी (MP Congress) के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) ने एक विवादित बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मध्य प्रदेश में प्राय: 80 फीसदी हिंदू बसे हैं. ऐसे में इस मुद्दे पर चर्चा की जरूरत नहीं है.
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अब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने बजरंग दल (Bajrang Dal) को लेकर एक बयान दिया है. भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों के जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहाकि प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो बजरंग दल पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा. उनका कहना है कि बजरंग दल में भी अच्छे लोग भी हो सकते हैं. लेकिन जो गुंडा तत्व हैं, जो दंगा फसाद कराते हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
हिंदू राष्ट्रवाद को लेकर दिग्विजय ने क्या कहा?
दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि हिन्दुत्व शब्द को सावरकर ने ही गढ़ा था, किसी भी तरह का सॉफ्ट या हार्ड हिन्दुत्व नहीं होता है. वे इसे सनातन धर्म से संबंधित नहीं मानते हैं और उन्होंने कहा कि जो लोग संविधान की शपथ लेते हैं और फिर भी हिन्दूत्व के परिप्रेक्ष्य में बात करते हैं, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.
कमलनाथ जी के बयान को गलत तरीके से पेश किया: दिग्विजय सिंह
उन्होंने हिंदू राष्ट्र को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान पर कहा कि आप लोगों ने उसे गलत तरीके से चलाया है. कमलनाथ जी ने कभी वह बात नहीं की जो आप लोग या बीजेपी बोल रहे हैं. पहले मैं बीजेपी से पूछना चाहता हूं, प्रधानमंत्री जी से, गृहमंत्री जी से, मुख़्यमंत्री जी से या बीजेपी के जितने मंत्री हैं उनसे कि उन्होंने संविधान की शपथ ली है या हिन्दू राष्ट्र की शपथ ली है.
स्क्रीनिंग कमेटियां तय करेंगी सीट किसे देना है किसे नहीं: दिग्विजय
66 सीटों पर सर्वे किया है आपने, उसमें किसे टिकट मिलेगा और किसे नहीं ये केंद्रीय स्क्रीनिंग कमेटी और प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी तय करेगी.
जानें कमलनाथ ने बजरंग दल के बैन को लेकर कहा था?
बता दें कि कर्नाटक चुनाव से शुरू हुआ ‘बजरंग दल’ बैन को लेकर शुरू हुआ विवाद अब भी कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ रहा है और अब ये मध्य प्रदेश चुनाव में भी बहस का विषय बना हुआ है. बजरंग बली और बजरंग दल को लेकर कर्नाटक में मचे घमासान पर जब कमलनाथ को पत्र लिखकर सवाल किया गया है कि क्या वे मध्य प्रदेश में भी बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में है, तो जवाब में कमलनाथ ने कहा कि नफरत फैलाने वाले संगठनों पर बैन की बात तो सुप्रीम कोर्ट ही करता है, इसमें नया क्या है.
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