Bhind news: चुनावी साल में हर वर्ग अपनी अहमियत दिखाते हुए पार्टियों पर अपनी जाति का प्रभाव जताते हुए टिकट हासिल करने की जोड़-तोड़ कर रहा है. ओबीसी वर्ग भी इस दौड़ में पीछे नहीं है क्योंकि अब ओबीसी नेता अपने समाज की जनसंख्या का आंकड़ा बताते हुए अपने समाज के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. लेकिन टिकट की इसी मांग ने बीजेपी के लिए परेशानी खड़ी कर दी है.
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बीजेपी के किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह गुर्जर ने सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को पत्र लिखकर भिंड जिले की किसी भी विधानसभा सीट से ओबीसी वर्ग के व्यक्ति को टिकट देने की मांग की है. बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह गुर्जर ने सीएम और प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखते हुए इस बात का जिक्र किया है कि भिंड जिले में ओबीसी वर्ग का वोट बैंक 55% है, भिंड जिले की गोहद विधानसभा सीट आरक्षित है लेकिन भिंड जिले की अन्य 4 विधानसभा सीटों पर पिछले एक दशक से ब्राह्मण और ठाकुरों को टिकट दिया जा रहा है.
इस वजह से ओबीसी वर्ग बीजेपी पार्टी के नजदीक नहीं आ पा रहा है और बीजेपी पार्टी के प्रति ओबीसी वर्ग में बिखराव दिखाई दे रहा है. इसलिए यह जरूरी हो गया है कि ओबीसी वर्ग के एक व्यक्ति को भिंड जिले की चार विधानसभा सीट में से किसी भी एक विधानसभा सीट का टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा जाए.
भिंड के मेहगांव में हैं सबसे अधिक ओबीसी वोटर
इसके साथ ही राजेंद्र सिंह गुर्जर ने पत्र में लिखा है कि ओबीसी वर्ग का सबसे ज्यादा मतदाता भिंड जिले की मेहगांव विधानसभा सीट पर है. यहां 130000 ओबीसी वर्ग का मतदाता है जो इलाके में अपना प्रभाव रखता है. ऐसे में ओबीसी वर्ग के व्यक्ति को किसी भी एक विधानसभा से टिकट देने पर विचार करना चाहिए. बीजेपी में आने से पहले राजेंद्र गुर्जर कांग्रेस पार्टी के नेता हुआ करते थे लेकिन 2020 के उपचुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था. राजेंद्र सिंह गुर्जर अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं उन्होंने ओबीसी वर्ग की बात छेड़कर बीजेपी को संकट में डाल दिया है.
भिंड में टिकट वितरण में कुछ ऐसा रहा है जातिगत समीकरण
क्योंकि भिंड जिले में हमेशा ब्राह्मण और क्षत्रियों के बीच ही ज्यादातर चुनाव होता हुआ आया है और इन्हीं दोनों जातियों के वर्चस्व की जंग हमेशा चुनावों में देखने को मिलती रही है. लहार में बीजेपी द्वारा कभी ब्राह्मण तो कभी क्षत्रिय को टिकट दिया गया है. इसी तरह भिंड विधानसभा पर भी बीजेपी द्वारा ब्राह्मण और क्षत्रिय को ही टिकट दिया जाता रहा है. अटेर विधानसभा भी इससे अछूती नहीं है. अटेर विधानसभा में भी क्षत्रिय और ब्राह्मणों को ही बीजेपी ने टिकट दिया है और मेहगांव में भी यही स्थिति है जहां बीजेपी क्षत्रिय या फिर ब्राह्मण को टिकट देती हुई आई है.
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