mp news: भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त और मप्र कैडर के सीनियर ब्यूराेक्रेट रह चुके ओपी रावत ने वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर बड़ा दावा किया है. MP TAK से खास बातचीत में ओपी रावत बताते हैं कि यदि वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर केंद्र सरकार संविधान में कुछ जरूरी संसोधन कर पाने में सफल हो जाती है तो फिर मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव कुछ और दिनों के लिए टल सकते हैं.
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पूर्व चुनाव आयुक्त ओपी रावत बताते हैं कि वन नेशन-वन इलेक्शन होना संभव है. इसके लिए केंद्र सरकार को लोकसभा और राज्यसभा में कुछ जरूरी संसोधन करने होंगे. लेकिन संविधान के प्रावधानों में संसोधन तो लोकसभा और राज्यसभा के जरिए कराए जा सकते हैं लेकिन कई ऐसे भी प्रावधान है, जिनमें संसोधन कराने के लिए देश की आधे से अधिक विधानसभाओं की मंजूरी भी आवश्यक होगी और उन विधानसभाओं में संबंधित प्रस्तावों का पास होना भी जरूरी होगा.
ओपी रावत के अनुसार अगर केंद्र सरकार ऐसा कर पाती है तो फिर विधानसभा चुनाव इस साल के आखिर में न कराते हुए उसे अगली साल जनवरी माह तक टाल सकते हैं और उसी समय में आम चुनाव भी साथ-साथ कराए जा सकते हैं. आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र अचानक से बुलाया है और उम्मीद जताई जा रही है कि इस सत्र में वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर बिल लाया जा सकता है.
लेकिन चुनाव के लिए चाहिए होंगी 35 लाख ईवीएम, क्या वो मौजूद हैं
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एक बड़ा सवाल भी खड़ा करते हैं. ओपी रावत के अनुसार 2018 में जब वे मुख्य चुनाव आयुक्त थे, तब भारत के पास चुनाव कराने के लिए 20 लाख ईवीएम और वीवीपेट थे लेकिन अब 2023 में यदि एक साथ आम चुनाव और विधानसभा चुनाव कराने पड़ते हैं तो फिर इसके लिए 35 लाख ईवीएम और वीवीपेट की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में यहां ये जानना जरूरी है कि बीते 5 साल में ये अतिरिक्त जो 15 लाख ईवीएम और वीवीपेट चाहिए, क्या उनका निर्माण हुआ है. यदि नहीं हुआ होगा तो फिर वन नेशन-वन इलेक्शन का बिल पास हो जाने के बाद भी एक साथ आम चुनाव व विधानसभा चुनाव करा पाना संभव नहीं हो सकेगा.
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