Narendra Singh Tomar: मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हैं नरेंद्र सिंह तोमर. नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी बीजेपी नेता पारस जैन पर ग्वालियर में सरकारी जमीन की हेरा-फेरी करने के आरोप लग रहे हैं. जिसे लेकर ग्वालियर नगर निगम कानूनी कार्रवाई करने जा रहा है. मध्यप्रदेश के ग्वालियर में भू-माफियाओं ने लंबे समय तक सरकारी जमीनों की बंदरबांट की है. ऐसे ही एक मामले में आरोप बीजेपी नेता पारस जैन पर लग रहे हैं, जो खुद दावा करते हैं कि उनका परिवार और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का परिवार पीढ़ियों से एक दूसरे का साथ निभाता आ रहा है.
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बीजेपी नेता पारस जैन पर आरोप लगे हैं कि इन्होंने अपने ट्रस्ट के जरिए ग्वालियर के मुरार क्षेत्र में सर्वे नंबर 2916 की 7312 वर्गफीट जमीन को गलत तरीके से अपने नाम करा लिया. ग्वालियर नगर निगम के कमिश्नर ने मीडिया में बयान देकर दावा किया है कि यह जमीन नगर निगम ग्वालियर की है और सरकारी है. वहीं बीजेपी नेता पारस जैन ने इस जमीन को मध्यप्रदेश भारतीय आर्य प्रतिनिधि सभा नाम की संस्था से 99 साल की लीज पर खरीदना बताया है.
पारस जैन इस मामले में निचली अदालतों द्वारा दिए गए उनके फेवर के जजमेंट को आधार बताते हैं लेकिन वहीं नगर निगम कमिश्नर हर्ष सिंह का कहना है कि उन्होंने इस मामले में कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर ली है और निचली अदालतों के जजमेंट को अब वे हाईकोर्ट में चुनौती देने जा रहे हैं, जिसके लिए हाईकोर्ट में अपील लगा दी है.
55 करोड़ रुपए है जमीन की कीमत
जिस जमीन को लेकर ग्वालियर नगर निगम और बीजेपी नेता पारस जैन आमने-सामने आ गए हैं, उसकी कीमत इस समय 55 करोड़ रुपए है. पारस जैन दावा करते हैं कि 2009 में ही उनके फेवर में निचली अदालत ने फैसला सुना दिया था लेकिन लंबे समय तक नगर निगम ने इस मामले में हाईकोर्ट में अपील नहीं की. लेकिन अब नगर निगम कमिश्नर हर्ष सिंह ने इस मामले में सख्ती करते हुए न सिर्फ हाईकोर्ट में अपील दायर करवाई बल्कि लापरवाही बरतने वाले उपायुक्त-राजस्व को नोटिस भी जारी किया है.
कौन हैं पारस जैन और क्या है इनका नरेंद्र सिंह तोमर से संबंध
पारस जैन का पूरा परिवार बीजेपी में रहा है. पारस जैन ने एमपी तक को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के परिवार के साथ उनके पीढ़ियों से संबंध रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और उनके बेटे रामू तोमर के साथ वे लंबे समय से जुड़े हुए हैं. इस वजह से दोनों परिवार एक दूसरे का साथ निभाते रहे हैं.
पारस जैन रियल एस्टेट, ज्वैलर्स, कैटर्स आदि कई सेक्टर में कारोबार करते हैं. एक साल पहले इनके तमाम ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापे मारे थे. इस छापेमारी में आयकर विभाग को करोड़ों रुपए के अवैध हुंडी कारोबार के चलने का इनपुट भी मिला था लेकिन बाद में हुंडी कारोबार का मामला अचानक से रफा-दफा हो गया था. अब नगर निगम ग्वालियर द्वारा बीजेपी नेता पारस जैन के सरकारी जमीन हथियाने का मामला सामने आ गया, जिसे पारस जैन बार-बार निजी जमीन होने का दावा कर रहे हैं. अब देखना होगा कि क्या ग्वालियर नगर निगम इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई कर पाता है या राजनीतिक दबाव इस मामले की लीपापोती कर देता है.
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