‘भारत रत्न’ पर नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल, देश के सर्वोच्च सम्मान को लेकर कह दी ये बड़ी बात

एमपी तक

10 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 10 2024 12:40 PM)

Bharat Ratna: मोदी सरकार ने एक साथ पांच लोगों को भारत रत्न अवार्ड दिया है, जिसके बाद इसे मोदी सरकार का चुनावी हथकंडा बताया जा रहा है. मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने भारत रत्न देने पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है और इस पर सवाल उठाए हैं.

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Bharat Ratna: मोदी सरकार ने एक साथ पांच लोगों को भारत रत्न अवार्ड दिया है, जिसके बाद इसे मोदी सरकार का चुनावी हथकंडा बताया जा रहा है. दरअसल, केंद्र सरकार ने पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, उसके बाद लालकृष्ण आडवाणी, इसके बाद चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हाराव और एमएस स्मामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया. मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने भारत रत्न देने पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है और इस पर सवाल उठाए हैं.

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उमंग सिंघार ने एक्स पर लिखा- “भारत रत्न नहीं अब ये “मोदी” रत्न बन गया है. केंद्र की मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में राज्यों में अपने जातिगत समीकरण और वोटों को साधने के लिए भारत रत्न जैसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान का भी राजनीतिकरण करने से बाज नहीं आ रही. इस बार राज्यों को लुभाने के लिए इसमें भी पेंच लगाया गया.”

उमंग सिंघार ने एक्स पर क्या लिखा ?

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‘दबी चिंगारी को दबाने के लिए आडवाणी को दिया भारत रत्न’

उमंग सिंघार ने आगे कहा- “सबसे पहले तो बिहार को साधने के लिए समाजवादी नेता स्व कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ देने की घोषणा की गई. फिर अपनी ही पार्टी में दबी चिंगारी को ठंडी करने के लिए लालकृष्ण आडवाणी भी ‘भारत रत्न’ दिया गया. इसके बाद आंध्र प्रदेश में वोटों की राजनीति के लिए पीवी नरसिम्हा राव, उत्तर प्रदेश के जाट बेल्ट को साधने के लिए चौधरी चरण सिंह और दक्षिणी राज्य तमिलनाडू में वोट कबाड़ने के लिए डॉ स्वामीनाथन को ‘भारत रत्न’ देने का एलान हुआ.”

“सबको समझ आ रहा है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इन सम्मानों की घोषणा का क्या कारण है! सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ और कुछ नहीं! नियम के अनुसार ये एक साल में सिर्फ़ तीन विभूतियों को ही ये सम्मान दिया जा सकता है. पर भाजपा सरकार अपने आप को नियम, क़ानून, संविधान, देश, सम्मान सब के ऊपर समझती है. मोदी सरकार यदि वास्तव में इन विभूतियों का सम्मान करना चाहती है, तो उनके कार्यों और विचारों का अनुसरण करे. ‘भारत रत्न’ का “मोदीकरण” न करें.”

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