लोकसभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाषण पर जोरदार हंगामा, पुरानी सरकारों पर लगाए कई गंभीर आरोप

एमपी तक

10 Aug 2023 (अपडेटेड: Aug 10 2023 10:46 AM)

Jyotiraditya Scindia speech in Lok Sabha: लोकसभा में विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाषण दिया. सिंधिया के भाषण पर लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ.सिंधिया ने जो भाषण दिया, उसमें उन्होंने यूपीए सरकार और उससे पहले की कांग्रेस की सरकारों की जमकर आलोचना की. […]

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Jyotiraditya Scindia speech in Lok Sabha: लोकसभा में विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाषण दिया. सिंधिया के भाषण पर लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ.सिंधिया ने जो भाषण दिया, उसमें उन्होंने यूपीए सरकार और उससे पहले की कांग्रेस की सरकारों की जमकर आलोचना की. राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान को तुष्टीकरण की दुकान बताया और हूटिंग होने पर सिंधिया ने नाराजगी भरे लहजे में कांग्रेस सांसदों से कहा कि ‘कान खोलकर सुन लो, आपकी वजह से ही मैं चेंज हुआ हूं और यहां बीजेपी में आया हूं’.

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सिंधिया ने स्पष्ट कहा कि विपक्षी गठबंधन अवसरवादिता का गठबंधन है. जो लोग सालो साल एक दूसरे के खिलाफ लड़ते रहे वे आज एक दूसरे का हाथ थामकर खड़े हैं. सिंधिया ने कहा कि इन लोगों को न तो पीएम के पद की चिंता है न ही राष्ट्रपति के पद की और न ही देश की चिंता है. ये लोग मणिपुर की घटना को आधार बनाकर राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश कर रहे हैं.

सिंधिया के भाषण के विरोध में कुछ विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट किया तो सिंधिया ने बोला कि इन लोगों को देश की जनता ने पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया और अब ये लोग सदन से भी बाहर जा रहे हैं. हालांकि कुछ देर बाद ही वे सांसद वापस सदन में आए तो सिंधिया ने फिर तंज कसते हुए कहा कि आपका एक बार फिर से स्वागत है.

सिंधिया का पूरा लाइव भाषण पढ़ें विस्तार से

  • . जिस प्रजातंत्र के मंदिर में देश की संस्कृति, सदभाव, विचारधारा निर्मित की जाती है, जिस देश के प्रजातंत्र के मंदिर से देश की 140 करोड़ की जनता अपनी प्रेरणा लेती है, उस मंदिर से स्पष्ट हो गया है कि इन लोगों को न देश की चिंता है न पीएम के पद की चिंता है न ही राष्ट्रपति के पद की चिंता है. इनको तो केवल अपनी हैसियत की चिंता है. मुझे 20 साल हो गए है, लेकिन ऐसा सीन दो दशक में नहीं देखा है कि देश के प्रधानमंत्री के प्रति जो शब्दो का प्रयोग विपक्ष द्वारा किया गया है, सदन के सामने नहीं बल्कि देश की जनता के सामने ये माफी मांगे.
  • देश के प्रधानमंत्री ने सदन के बाहर मणिपुर पर संवेदनशीलता के साथ बयान दिया, लेकिन इनका हठ है कि वे सदन में जवाब दें. गृहमंत्री ने सदन में स्पष्ट बोला कि मणिपुर में बात करने को तैयार है लेकिन विपक्ष ने 17 दिन तक सदन को चलने नहीं दिया.
  • 1993 में जब मणिपुर की जातीय हिंसा में 750 लोगों की जान गई थी तब तत्कालीन पीएम नरसिम्हा राव जी ने मौनवृत क्यों धारण किया था.
  • 2011 में जब मणिपुर में 123 दिन ब्लॉकेट चला, जातीय हिंसा चली तब उस समय में भी तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने सदन में मौत व्रत क्यों धारण किया था. ये इनकी दोगली राजनीति नहीं है तो क्या है ये.
  •  इनकी जो अवसरवादी सोच है, उसका पूरा पर्दाफाश मैं जनता के सामने करूंगा. ये समूह जो है इंडिया इसमें एक प्रोफेसर हैं जो नैतिकता, मूल्यों की बात करते हैं लेकिन प्रतिनिधित्व वे ऐसे दल की करते हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान स्थापित करें.
  • इसमें एक ऐसी नेत्री है जो सोचती है कि कश्मीर को भारत के साथ जोड़ना एक भूल है. इन्हें तो अपने अश्विवास प्रस्ताव पर स्वयं ही विश्वास नहीं है. जो देश की जनता ने परिणाम दिया है, वो स्वीकार करो
  • मणिपुर की घटना का इस्तेमाल या दुरुपयोग करके अपना लांच पैड बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ये घटना निंदनीय है कोई भी भारतीय इसका सपोर्ट नहीं कर सकता लेकिन भारत के इतिहास के काले पन्ने पलटे तो 1964 के बंगाल के दंगों में ये मौन क्यों थे.
  • सन 1984 के दंगों में 4 हजार सिक्ख भाईयों को जलाया था तब ये मौन क्यों थे.
  • 1990 से 30 साल कश्मीर में 40 हजार लोगों की मौत हुई तब ये मौन क्यों थे.
  • 1960 के दशक में मणिपुर में अलगाववादियों ने हिंसा की तब कौन था जो उनके साथ बैठकर चर्चा करने को तैयार थे जिन्होंने उनके साथ समझौता किया और 1993 में 123 दिन मणिपुर जल रहा था तब आपकी सरकार यहां भी थी और मणिपुर में भी थी और आज मणिपुर के सांसद के नहीं बोलने की चिंता है इनको, उस समय मणिपुर के जो सांसद थे वे सदन में रोते हुए उस समय के कांग्रेस सरकार से बोले थे कि राज्य सरकार हेल्पलेस है, इसके पास कोई फंड नहीं है हथियार खरीदने को पैसे नहीं है. प्लीज मणिपुर इस देश का हिस्सा है, इसको फील कीजिए.
  • सिंधिया ने शेर पढ़ते हुए कहा कि औरो के ख्यालात की लेते हे तलाशी और अपने गिरेबां में झांका नहीं जाता.

सिंधिया ने गिनाए, मोदी सरकार ने नॉर्थ-ईस्ट में कितने विकास कार्य किए

सिंधिया ने मोदी सरकार के कई काम गिनाएं, जिसमें बताया गया कि मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल के दौरान नॉर्थ-ईस्ट में कई जगह एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, हाईवे विकसित किए गए. पड़ौसी देशों जैसे बांग्लादेश, म्यांमार आदि के साथ बॉर्डर विवाद खत्म किए गए. अलगाववादियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की गई. सिंधिया ने अपने इस भाषण के जरिए खुलकर कांग्रेस और यूपीए सरकार पर जमकर हमला बोला.

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