MP Election 2023: मध्य प्रदेश की राजनीति (MP Politics) में बीते दो दिनों से एक सियासी घमासान मचा हुआ है, जिसमें ज्ञानेंद्र अवस्थी नामक व्यक्ति के नाम से 50 फीसदी कमीशन के संबंध में एक वायरल पत्र जारी हुआ था, जिसके बाद पूरी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और कमलनाथ समेत कांग्रेस पार्टी (MP Congress) मुश्किल में फंसती दिखाई दे रही है, लेकिन सवाल पैदा हो रहा है कि जिस ज्ञानेंद्र अवस्थी के पत्र की वजह से मध्य प्रदेश में सियासी भूचाल (MP Election 2023) आया हुआ है, वो कौन है और कैसे उसका ये पत्र वायरल हुआ है?
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मध्य प्रदेश में हाल ही में एक पत्र वायरल होने के बाद एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया है. इस पत्र के माध्यम से 50 फीसदी कमीशन की मांग की बात सामने आई थी और इस पत्र के जरिए एमपी के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर जांच की मांग की गई थी, जैसे ही पत्र वायरल हुआ मामले में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए. वायरल पत्र को पहले कांग्रेस नेता अरुण यादव और उसके बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर दिया. इसके बाद पूरी कांग्रेस ने इस पत्र और इसके संदर्भ में एमपी सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी.
वायरल पत्र के संदर्भ में ग्वालियर में पुलिस ने कार्रवाई की और ज्ञानेंद्र अवस्थी और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया. हालांकि, पुलिस की जांच में आरोपी ज्ञानेंद्र अवस्थी का पत्र फर्जी पाया गया है और ज्ञानेंद्र अवस्थी के पते और संस्था के बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं यानि वह लापता हैं.
इस मामलें प्रियंका गांधी, कमलनाथ, जयराम रमेश, अरुण यादव समेत कई कांग्रेस नेताओं पर प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर और इंदौर समेत कई जिलों में केस दर्ज कराया गया. इधर, ग्वालियर क्षेत्र की भाजपा की जिला कार्यकारिणी के सदस्य पंकज पालीवाल ने इस मामले में शिकायत दर्ज की है. उनका आरोप है कि वायरल पत्र में लिखे गए नाम ज्ञानेंद्र अवस्थी और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है, जिनके तहत किसी व्यक्ति या संस्था की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी की गई है.
उनका आरोप है कि एक लघु और मध्यम श्रेणी संविदाकार संघ के नामक संगठन के नाम पर मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट ग्वालियर को एक शिकायती पत्र वायरल किया गया था.
शिकायत के बाद हुई जांच में लापता मिले ज्ञानेंद्र अवस्थी
वायरल पत्र में बसंत विहार कॉलोनी, ग्वालियर का पता दिया गया था. पत्र में इस पते के तहत एक पेटी कांट्रेक्टर द्वारा 50% कमीशन की मांग और जांच की बात लिखी गई थी, लेकिन इस पते पर जांच करने पर बसंत विहार के सेक्टर ए, बी, सी, डी में इस नाम की कोई संस्था या व्यक्ति नहीं मिला. मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग और नगर निगम में भी इस नाम से कोई संस्था रजिस्टर्ड नहीं है. पुलिस के अनुसार, ज्ञानेंद्र अवस्थी नामक व्यक्ति की पहचान अब तक नहीं की गई है. इस पत्र में ज्ञानेंद्र अवस्थी के नाम से उल्लिखित व्यक्ति का पता जांच में मिला नहीं है.
बीजेपी ने ने कहा- सरकार की छवि खराब करने की साजिश
मामले में भाजपा जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा- वायरल पत्र में उल्लिखित व्यक्ति ज्ञानेंद्र अवस्थी को अब तक पहचाना नहीं गया है. उन्होंने इस बात को भी उठाया है कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस फर्जी पत्र को सोशल मीडिया पर साझा किया, जिससे भाजपा सरकार की छवि पर दाग लग सकता है. इस वायरल पत्र के मामले में ज्ञानेंद्र अवस्थी और उसकी उल्लिखित संगठन की पुष्टि अब तक नहीं हुई है.
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