New CM Mohan Yadav: अपनी बेबाक बयानी के लिए पहचानी जाने वाली उमा भारती ने मध्यप्रदेश के नए सीएम मोहन यादव की तारीफ करना शुरू कर दी है. अचानक से गुरुवार को उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट की, जिसमें सीएम मोहन यादव के प्रारंभिक फैसलों की तारीफ की और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. उमा भारती ने शिवराज सिंह चौहान की भी शुरू में खूब तारीफ की और बाद में अपने बयानों और शराब रोधी आंदोलन के जरिए शिवराज सरकार के सामने कई चुनौतियां भी पेश की थीं.
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उमा भारती इन दिनों अपने बेबाक बयानों को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. लेकिन फिलहाल उनका रुख नए सीएम मोहन यादव को लेकर नरम दिख रहा है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश की नव निर्वाचित सरकार के मुखिया मोहन यादव जी की कैबिनेट ने कल जो दो महत्वपूर्ण निर्णय किये- खुले में मांस एवं अंडे की बिक्री पर सख्ती तथा धार्मिक स्थानों पर जोर से बजते हुए लाउडस्पीकर पर रोक, दोनों समस्याएं सामान्य जनजीवन के लिए बहुत बड़ी परेशानी थीं, उन पर नियंत्रित प्रतिबंध लगाकर नई सरकार ने अपनी मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया है, नये मुख्यमंत्री जी एवं उनकी कैबिनेट का अभिनंदन’.
उनकी इस पोस्ट के सामने आते ही लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं. लेकिन उमा भारती द्वारा मोहन यादव की तारीफ करने से नए सीएम की हौसला अफजाई तो जरूर हुई होगी, क्योंकि मोहन यादव जिस दौर में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं, उस दौर में उनके सामने बीजेपी के एक दर्जन से अधिक सीनियर नेताओं की फौज है, जिनके ऊपर उनको चुना गया है. ऐसे में मोहन यादव के लिए ये एक चुनौती भी है कि सभी सीनियर नेताओं को साधते हुए वे अपनी सरकार कैसे चलाते हैं.
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सीएम बनते ही सभी सीनियर नेताओं से मिलने पहुंचे थे मोहन यादव
बीजेपी विधायक दल की बैठक में मोहन यादव को जैसे ही मुख्यमंत्री चुना गया था, उसके बाद से ही मोहन यादव लगातार बीजेपी के सीनियर नेताओं से मिलने खुद पहुंच रहे हैं. सबसे पहले वे नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे. उसके बाद कैलाश विजयवर्गीय, शिवराज सिंह चौहान, गोपाल भार्गव, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, नरोत्तम मिश्रा और उमा भारती से भी मिलने उनके निवास पर मोहन यादव पहुंचे थे.
मोहन यादव लगातार कोशिश कर रहे हैं कि बीजेपी आलाकमान के फैसले के बाद भी वे प्रदेश स्तर पर बीजेपी की जो टॉप लीडरशिप है, उसे साधकर चलें, क्योंकि अब उनको सरकार चलानी हैं तो ये सीनियर नेता भी उनकी सरकार का हिस्सा किसी न किसी रूप में हो सकते हैं. ऐसे में मोहन यादव कोई भी ऐसी चूक नहीं करना चाहते हैं, जिससे उनके नेतृत्व पर किसी तरह के कोई सवाल पार्टी के अंदर से ही खड़े होने लगे. ऐसे में उमा भारती की ये पोस्ट उनके लिए बड़ी राहत देने वाली है.
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