Travel: बनारस की तरह खूबसूरत लगता है MP का ये शहर, शूटिंग के लिए बन रहा बॉलीवुड की पहली पसंद
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Best Tourist Place In MP: मानसून ने दस्तक दे दी है और प्रकृति की खूबसूरती बढ़ा दी है. ऐसे मौसम में अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं और किसी शांत और खूबसूरत जगह की तलाश कर रहे हैं तो महेश्वर जा सकते हैं. भारत के दिल मध्य प्रदेश में स्थित खरगोन में नर्मदा नदी के तट पर बसा ये शहर तीर्थयात्री और पर्यटक दोनों के लिए ही परफेक्ट डेस्टिनेशन है. आइए जानते हैं कि महेश्वर क्यों मशहूर है और यहां घूमने की बेस्ट जगहें कौन सी हैं.
रामायण और महाभारत में पता चलता है कि महेश्वर को महिष्मती के नाम से जाना जाता था. यहां न केवल पुण्य पवित्र सलिल नर्मदा के मोहनीय दृश्य हैं, बल्कि इसके समृद्ध इतिहास और वर्षों तक शासन करने वाले मराठा और मालवा साम्राज्यों के प्रतिबिंब भी देखने को मिलते हैं.
क्यों जाएं महेश्वर?
- महेश्वर में एक 250 साल पुराना किला है, जो आपको इतिहास में वापस ले जाएगा.
- नर्मदा नदी के पास बने 250 साल पुराने किले के दीदार के लिए दूर- दूर से लोग आते हैं.
- महेश्वर के घाट बेहद सुंदर हैं, ये दुनियाभर में मशहूर हैं.
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यहाँ नर्मदा घाट में कई कई छोटे मंदिर है जिन्हें अहिल्या किले के ऊपर से देखा जा सकता है.घाट पर छोटे और बड़े शिवलिंग देखे जा सकते हैं. महेश्वर घाट बहुत साफ और अच्छी तरह से रखा गया है साथ ही घाट चलने और महेश्वर किले की तस्वीरें लेने के लिए सुरक्षित है.यह एक खूबसूरत जगह है और मन को बहुत सुकून देती है क्योंकि आप यहाँ नदी की हल्की हवा में बैठकर बाकी सब कुछ भूल सकते हैं.
महेश्वर की विश्व प्रसिद्ध साड़ियां
रानी देवी अहिल्या के शासनकाल में महेश्वरी साड़ी की विश्व स्तर पर पहचान बनी. अहिल्याबाई द्वारा लगभग 250 साल पहले पेश की गई ये साड़ियां अपनी अनूठी बुनाई के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं. ज़्यादातर सूती कपड़े से बनाई जाने वाली, विशिष्ट माहेश्वरी साड़ियां सादे या धारियों के साथ और कभी-कभी कई तरह के चेक के साथ भी उपलब्ध होती हैं.
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महेश्वर में घूमने की जगहें
अहिल्याबाई किला और महल
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एक पहाड़ी पर स्थित इस किले के एक ओर पवित्र नर्मदा है और दूसरी ओर आधुनिक महेश्वर शहर है. अहिल्याबाई किले और महल में सिंहासन पर रानी अहिल्याबाई की एक सुंदर प्रतिमा और एक शिव मंदिर है. यह किला खूबसूरती से भरपूर है.
अहिल्येश्वर मंदिर
नर्मदा नदी के तट पर स्थित यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है. इसमें मराठा सैनिकों और हाथियों की तस्वीरें हैं. इसे अहिल्याबाई की छतरी के नाम से भी जाना जाता है. इसे रानी के सम्मान में उनकी बेटी कृष्णाबाई ने बनवाया था.
नर्मदा घाट
यहां पूरे दिन ग्रामीण भारत की झलक देखने को मिलती है, यहां के घाट बेहद खूबसूरत हैं. ये आपको बनारस के घाटों की याद दिला सकते है.
एक मुखी दत्त मंदिर
सहस्त्रधारा झरने के पास स्थित एक मुखी दत्त मंदिर भगवान दत्त को समर्पित है. भगवान दत्तात्रेय को समर्पित यह मंदिर 30 एकड़ क्षेत्र में बना है, जिसकी वास्तुकला और इतिहास अद्भुत है.
राजवाड़ा
राजवाड़ा एक सार्वजनिक प्रांगण-सह-होटल है, जिसमें अहिल्याबाई की कांच की बनी मूर्ति है. इसमें एक स्वर्ण लिंगम वाला शिव मंदिर भी है. यह महल अहिल्याबाई की जीवनशैली को दर्शाता है.
कैसे पहुंचे महेश्वर?
महेश्वर इंदौर के करीब है. इंदौर और ओंकारेश्वर से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है.
इंदौर से यह सड़क मार्ग से लगभग 100 किमी और हवाई मार्ग से 66 किमी दूर है.
ओंकारेश्वर से यह सड़क मार्ग से लगभग 80 किमी दूर स्थित है.
By road distance
Jabalpur to Maheshwar - 10 hr 42 min (598.5 km)
Bhopal to Maheshwar - 5 hr 22 min (287.2 km)
Gwalior to Maheshwar - 10 hr 26 min (602.0 km)
इन फिल्मों की हो चुकी है शूटिंग
मणिकर्णिका- द क्वीन ऑफ झांसी', यमला पगला दीवाना, यमला पगला दीवाना-2, तेवर, नीरजा भनोट, पैडमैन, जीनियस, गौतमीपुत्र शतकर्णी और कलंक, दबंग-3, पैडमैन, बाजीराव मस्तानी, सुटेबल बाय.
एमपी तक के लिए वरुल चतुर्वेदी की रिपोर्ट
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