यहां जन्माष्टमी पर 125 करोड़ के गहनों से होता है कान्हा का श्रृंगार, ट्रिपल लेयर सुरक्षा में आभूषण

सर्वेश पुरोहित

07 Sep 2023 (अपडेटेड: Sep 7 2023 4:08 PM)

Janmashtami 2023: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सिंधिया राजघराने का प्रसिद्ध 102 वर्ष पुराना ऐतिहासिक गोपाल मंदिर फूलबाग उद्यान के बीच स्थित है. इस मंदिर का सिंधिया राजघराने ने निर्माण कराया था. यहां पर साल में केवल एक बार जन्माष्टमी के दिन करीब 125 करोड़ रुपये के हीरे-जवाहरात के आभूषणों से भगवान राधा-कृष्ण का शृंगार […]

janmashtami 2023 gwalior gopal temple decorated with precious diamonds and jewels scindia dynasty

janmashtami 2023 gwalior gopal temple decorated with precious diamonds and jewels scindia dynasty

follow google news

Janmashtami 2023: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सिंधिया राजघराने का प्रसिद्ध 102 वर्ष पुराना ऐतिहासिक गोपाल मंदिर फूलबाग उद्यान के बीच स्थित है. इस मंदिर का सिंधिया राजघराने ने निर्माण कराया था. यहां पर साल में केवल एक बार जन्माष्टमी के दिन करीब 125 करोड़ रुपये के हीरे-जवाहरात के आभूषणों से भगवान राधा-कृष्ण का शृंगार किया जाता है. हर साल की तरह इस बार भी भगवान कृष्ण के जन्मदिन पर एसबीआई बैंक से ट्रिपल लेयर की सिक्योरिटी के बीच सोने-चांदी के आभूषणों को गोपाल मंदिर में लाया गया.

यह भी पढ़ें...

इन आभूषणों में पोशाक से लेकर भगवान के गहने सोने चांदी से बने हैं. इनमें हीरे-जवाहरात पन्ना, माणिक्य जड़े हुए हैं. यही नहीं, राधा-कृष्ण के मुकुट, बांसुरी समेत पूजा सामग्री के दीप, छत्र, थाल, भोग की कटोरियां भी सोने-चांदी की हैं. यह आभूषण सालभर में केवल कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ही मंदिर लाए जाते हैं. मंदिर तक भारी फोर्स के साथ सायरन बजाता पुलिस वाहनों का काफिला गहनों को लेकर आता है और फिर अगले दिन सुरक्षा के बीच बैंक में जमा करा दिए जाते हैं.

आभूषण लेने पहुंचे सरकारी कर्मचारी.

एसबीआई के लॉकर में सुरक्षित हैं भगवान के गहने

आभूषणों की कीमत बहुत ज्यादा होने की वजह से इनको जयेंद्रगंज इलाके स्थित भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के लॉकर्स में रखा जाता है. फिर जन्माष्टमी के दिन भारी सुरक्षा बलों के बीच गहने मंदिर लाए जाते हैं. करीब डेढ़ दशक पहले भाजपा के महापौर विवेक नारायण शेजवलकर ने लॉकर्स से निकालकर आभूषणों को मंदिर लाने की इस परंपरा को फिर से शुरू किया गया था और इस शर्त के साथ कि यह प्रक्रिया केवल साल में एक दिन ही कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 24 घंटे के लिए की जाएगी. फिर सभी आभूषणों को सील पैक करके बैंक लॉकर में नगर निगम की तरफ से जमा करा दिया जाएगा. तब से यह आयोजन हर साल जन्माष्टमी पर होता आया है.

भगवान के आभूषणों में शामिल रत्न जड़ित कलगी, सतलड़ी हार, सोने की छड़ी, सोने के कड़े और चूड़ियां.जन्माष्टमी के दिन ग्वालियर में पुलिस के लिए बड़ी ही कठिन परीक्षा का दिन होता है. एक तरफ तो श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालना और फिर दूसरी तरफ आभूषणों की सुरक्षा करना.

देखें वीडियो…

Loading the player...

सीसीटीवी कैमरे और 200 जवानों की निगरानी

इसके लिए पुलिस अब कई वर्षों से सीसीटीवी कैमरों का सहारा भी लेती है. एक स्पेशल कंट्रोल रूम बनाकर पूरी व्यवस्था को हैंडल करती है. इस पूरी व्यवस्था में एक 200 से ज्यादा जवानों को लगाया जाता है. जिनके ऊपर पूरे 24 घंटे के लिए एक डीएसपी स्तर का अधिकारी मौजूद रहता है. बीच-बीच में एसएसपी और एएसपी समेत तमाम पुलिस अधिकारी आते-जाते रहते हैं. 28 वर्ष से गोपाल मंदिर में पूजा कर रहे पंडित पुजारी प्रदीप शास्त्री ने बताया कि जन्माष्टमी पर बेशकीमती गहनों से भगवान का शृंगार कर होता है. एक साल में इस एक खास दिन इंतजार रहता है.

एसएसपी अशोक चंदेल ने बताया, “आभूषणों की कीमत लगाना असम्भव है. जब आभूषणों को साल 2007 में पहली बार निकाला गया था. उस दौरान मूल्यांकन में गहनों की कीमत करीब 20 करोड़ रुपए आंकी गई थी. अब सोने का मूल्य 60 हजार रुपए प्रति तौला के आसपास पहुंच चुकी है. इसी से गहनों की कीमत का अंदाजा लगाया जा सकता है.”

    follow google newsfollow whatsapp