मंत्री गोविंद सिंह राजपूत जमीन विवाद में फंसे, कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग

Ameesh Rai

07 Jan 2023 (अपडेटेड: Jan 24 2024 5:19 AM)

Govind Singh Rajput land controversy– मप्र के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एक बार फिर से जमीन विवाद में फंस गए हैं। सागर में मनीराम पटेल नाम के एक मजदूर की जमीन हड़पने के आरोप उन पर लग रहे है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि जिस मजदूर की […]

एमपी तक के खुलासे के बाद जमीन प्रेमी मंत्री की कुर्सी खतरे में

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Govind Singh Rajput land controversy– मप्र के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एक बार फिर से जमीन विवाद में फंस गए हैं। सागर में मनीराम पटेल नाम के एक मजदूर की जमीन हड़पने के आरोप उन पर लग रहे है। कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि जिस मजदूर की जमीन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने अवैध तरीके से हड़पी है, उसके गायब होने में भी मंत्री का हाथ है। हड़पी गई जमीन पर मंत्री की किला कोठी और एक स्कूल तक बन चुका है। दरअसल 13 मई 2016 को पहली बार मनीराम पटेल ने पुलिस थाने में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी और साथ में मंत्री से जान को खतरा भी बताया था। इसके बाद 16 मई को मनीराम पटेल ने राजस्व न्यायालय में इस मामले को लेकर याचिका लगाई। लेकिन 27 मई 2016 को अचानक रहस्यमयी परिस्थितियों में मनीराम पटेल गायब हो गए। तभी से ही उनके बेटे सीताराम पटेल अपने पिता को तलाश करने पुलिस के बड़े अधिकारियों से लेकर हाईकोर्ट तक में याचिका लगा चुके है, लेकिन जब कही से भी मदद नहीं मिली तो अब घटना के 6 साल बाद उनके बेटे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं।

सीताराम पटेल ने अपने पिता की हत्या की आशंका जताई है। 6 साल के लंबे अंतराल के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के सवाल पर सीताराम का कहना है कि वह एक मजदूर परिवार से है और गुजर बसर भी मजदूरी करके होती है। सुप्रीम कोर्ट में केस लगाने के लिए उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इसलिए उनको सुप्रीम कोर्ट तक आने में विलंब हुआ।आपको बता दें कि राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की इस पूरी कंट्रोवर्सी का खुलासा सबसे पहले एमपी तक ने ही किया था। जिसके बाद अब कांग्रेस पार्टी ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। यह पहली बार नहीं है कि मप्र के सिंधिया खेमे से आने वाले कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत किसी जमीन विवाद में इस तरह फंसे हैं। इससे पूर्व भी वे अपने साले से 60 साल की उम्र में 50 एकड़ जमीन गिफ्ट में लेने को लेकर विवादों में आ चुके हैं।

वहीं इस पूरे विवाद को लेकर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि यह पूरा विवाद विपक्षी दलों का खड़ा किया हुआ है। उन्हें नहीं पता कि मनीराम पटेल की जमीन आखिर कैसे दस्तावेजों में उनके नाम पर चढ़ गई थी। उन्होंने जमीन का एक हिस्सा भी मनीराम पटेल को वापस कर दिया था। जिसकी जानकारी उन्होंने इस केस की सुनवाई के दौरान वर्ष 2017 में हाईकोर्ट में लिखिन बयान में दी भी थी। लेकिन स्कूल और कोठी के निर्माण को लेकर वे स्पष्टता नहीं कर पाते हैं। मंत्री ने इस विवाद को विपक्षी दलों की साजिश बताया है।

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