किसान का बेटा आशुतोष त्यागी बन गया DSP, MPPSC में मिली सफलता पर किया ये बड़ा खुलासा
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MPPSC Result 2019: मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने राज्य सिविल परीक्षा 2019 का फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है. MPPSC के रिजल्ट में एक बार फिर लड़कियों ने बाजी मारी है. MPPSC की मैरिट लिस्ट में कई चौंकाने वाले नाम हैं. वहीं, सीहोर जिले के एक किसान के बेटे ने परीक्षा में सफलता हासिल कर सभी को चौंका दिया है. डीएसपी के पद पर चयनित होने वाले आशुतोष ने कैसे परीक्षा की तैयारी की, इस बारे में उन्होंने खुलासा किया.
MPPSC में सीहोर जिले के टिटोरा गांव के किसान परिवार के बेटे आशुतोष त्यागी का डीएसपी पद पर सिलेक्शन हुआ है. डीएसपी बनने से उनके परिवार और क्षेत्र के लोगों में खुशी का माहौल है. आशुतोष ने एमपी तक से बातचीत करते हुए अपनी सफलता का श्रेय पिता-माता और परिवार के लोगों को दिया है. उन्होंने अपनी तैयारी की यात्रा के बारे में बताया.
किसान का बेटा बना DSP
टिटोरा गांव में जन्मे किसान परिवार के संजय त्यागी के बेटे आशुतोष त्यागी का डीएसपी के पद पर चयन होने की खबर मिलते ही उनके घर पर बधाई देने के लिए लोगों का तांता लग गया. आशुतोष त्यागी ने महज 25 वर्ष की उम्र में ये सफलता हासिल की है. आशुतोष के पिता संजय त्यागी ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि उनके बेटे की शुरुआती पढ़ाई टिटोरा गांव में हुई है. इसके बाद सीहोर एक निजी स्कूल में शिक्षा ग्रहण की. उसके बाद बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई करने के लिए इंदौर के कॉलेज में दाखिला लिया.
ऐसी की MPPSC की तैयारी
आशुतोष ने कॉलेज के साथ ही पीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी. तीन-चार साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें ये सफलता हासिल हुई. उन्होंने समय के हिसाब से पढ़ाई की. आशुतोष ने कहा कि मेहनत करते रहना चाहिए, फल जरूर मिलता है. उन्होंने बताया कि इसके लिए कठिन मेहनत की, पढ़ाई की. परिवार के लोगों ने प्रोत्साहित किया, ये उसी का परिणाम है. डेढ़ साल पहले ग्रामीण किसी विस्तार अधिकारी के पद पर भी आशुतोष का चयन हो गया था, जो नौकरी वह सफलतापूर्वक अभी कर रहे हैं. अब उनका चयन मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा के डीएसपी के पद के लिए हुआ है.
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दादा ने दी थी प्रेरणा
युवाओं को संदेश देते हुए आशुतोष त्यागी ने कहा कि बड़े सपने देखिए. जिंदगी आगे तेजी से बढ़ रही है. पढ़ाई के साथ ही हमें एक लक्ष्य निर्धारित करते हुए आगे बढ़ना चाहिए. मुझे मेरे दादा ने प्रेरणा दी थी कि परिवार के लिए नहीं लोगों के लिए कुछ करना है. तीन-चार साल की लंबी मेहनत के बाद आज सफलता प्राप्त हुई है. मेरा डीएसपी के लिए चयन हुआ है, रैंक टॉप 25 के आसपास आई है.
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