कॉलेज के दिनों की जिस तस्वीर को देखकर भावुक हुए शिवराज, उसे देखकर पहचानें कहां हैं सीएम?

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CM Shivraj, Hamidia collage 75 anniversary amrit mahotsav, Bhopal News
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Hamidia College Bhopal Amrit Mahotsav: “मेरी कई यादें अपनी इस कॉलेज से जुड़ी हुई हैं. जिंदगी के सबसे सुखद पल जो होते हैं, वो स्कूल और कॉलेज के दिन ही होते हैं. उस समय जब हम एक-दूसरे से मिलते हैं तो प्रेम और स्नेह से मिलते हैं. रिश्ते दिलों, प्रेम, आत्मीयता के होते है और आज भी अगर कोई दोस्त दिख जाता है तो लगता है कि दौड़कर उसे गले लगाया जाए.”

ये उद्गार शासकीय हमीदिया महाविद्यालय के स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने पर आयोजित अमृत महोत्सव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने व्यक्त किए. उन्होंने एक गीत की पंक्तियां गुनगुनाते हुए कहा, ‘एक गाना मुझे याद आ रहा है ‘एहसान मेरे दिल पे तुम्हारा है दोस्तो.., ये दिल तुम्हारे प्यार का मारा है दोस्तो.. बनता है मेरा काम तुम्हारे ही काम से.., होता है मेरा नाम तुम्हारे ही नाम से.., तुम जैसे मेहरबां का सहारा है दोस्तो.’

सीएम शिवराज ने आगे कहा- ‘मित्र कभी पुराना नहीं होता, मित्र हमेशा मित्र रहता है. आज मन आनंद और प्रसन्नता से भरा हुआ है, जब मैं आया था तो एक बाउंड्री वाल बनी थी और सीधे स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा का अनावरण कर रहा था, लेकिन दिल ने कहा रूक… बाउंड्री वाल को हटा और दोस्तों के गले लग जा.

हमीदिया कॉलेज पर गर्व है मुझे: सीएम शिवराज

सीएम शिवराज ने आगे कहा- ‘एक बात मैं गर्व से कहता हूं कि हमीदिया कॉलेज से एक नहीं अनेक हस्तियां निकली हैं, स्वर्गीय डॉ. शंकर दयाल शर्मा जी, जिन्होंने राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने का काम किया है, मैं उनके चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं. इस कॉलेज से बाबूलाल गौर जी, लक्ष्मी नारायण शर्मा जी, कैलाश सारंग जी, नाज़मा हैपतुल्ला जी, ओएन श्रीवास्तव जी, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस फैसलउद्दीन जी, केएन प्रधान साहब जैसी अनेक हस्तियों ने शिक्षा ग्रहण की.’

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‘अद्भुत थे कॉलेज के वो दिन’

सीएम शिवराज ने कहा- ‘कॉलेज के दिन वो भी क्‍या अद्भुत दिन थे, आज भी याद करके मन प्रसन्‍न हो उठता है. आज मैं बेटा-बेटी को एक ही संदेश देना चाहूंगा, आप सभी मेरे लिए परिवार का अंग हैं. मैं सरकार नहीं चलाता हूं, मैं तो परिवार चलाता हूं और इसीलिए समाज के हर वर्ग और बेटे-बेटियों के लिए अनेक योजनाएं ऐसी बनाई जो उनके भविष्य को बेहतर बनाएं.’

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अपनी फोटो देख खिलखिला पड़े सीएम शिवराज

CM Shivraj, Hamidia collage 75 anniversary amrit mahotsav, Bhopal News
सीएम शिवराज हमीदिया कॉलेज के 75वीं वर्षगांठ में पहुंचे तो वहां कॉलेज के दिनों की अपनी फोटो देख खिलखिला पड़े.

मेरे प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद: सीएम

सीएम शिवराज ने कहा कि बचपन से ही गीता जी को पढ़ने का सौभाग्य मिला और सीखा कि मानव जीवन बड़ी मुश्किल से मिला है इसे व्यर्थ नहीं गंवाना है, इसे सफल और सार्थक बनाना है. हमें कुछ ऐसा करना है जो केवल अपने लिए ही नहीं, औरों के लिए भी उपयोगी हो, देश व समाज के लिए भी उपयोगी हो. अपने लिए जिये तो क्या जिये; जीता वो है, जो देश और समाज के लिए जीता है. स्‍वामी विवेकानंद जी ने कहा था, तुम केवल साढ़े तीन हाथ के हाड़-मांस के पुतले नहीं हो, ईश्वर का अंश हो, अनंत शक्तियों के भंडार हो; दुनिया में कोई ऐसा काम नहीं है, जो तुम न कर सको. मेरे प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद जी थे.

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सीएम हाउस में कार्यक्रम कर पुरानी यादें ताजा करेंगे

सीएम ने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने मेरे जीवन की दशा और दिशा बदलने का काम किया. सीएम हाउस या फिर यहां पर एक अनौपचारिक कार्यक्रम सितंबर में आयोजित किया जाएगा, हम इस कार्यक्रम में अपनी पुरानी यादों को ताजा करेंगे. शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय का विशाल एवं सर्व सुविधायुक्‍त, भव्‍य भवन बनाया जाएगा. अन्य आपकी जितनी मांगे है उन मांगों पर विचार करके हम आपको देने का कम करेंगे.

भोपाल जब राजधानी बनी तो मिला कॉलेज को नया भवन

हमीदिया कॉलेज अब तक तीन कैंपस में संचालित हो चुका है. मिंटो हॉल में कॉलेज की शुरुआत हुई. 1956 में भोपाल के राजधानी बनने पर कॉलेज को नया भवन मिला, जो वर्तमान पॉलिटेक्निक के सामने है. 2005 में हमीदिया कॉलेज और एमएलबी कॉलेज की अदला -बदली हुई और हमीदिया कॉलेज बुधवारा स्थित वर्तमान परिसर में शिफ्ट हो गया.

इस कॉलेज में जावेद अख्तर के पिता जाँ निसार अख्तर और माता सफिया अख्तर दोनों यहां उर्दू पढ़ाते थे. देवीशरण ने बताया कि दोनों ने उन्हें उर्दू पढ़ाई है. वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई नेता, अफसर, लेखक, सामाजिक कार्यकर्ता आदि इस कॉलेज में पढ़े हैं, इनमें से कुछ तो बाद में पाकिस्तान चले गए.

पहले हमीदिया कॉलेज आगरा यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध था

उस समय भोपाल के स्कूल अजमेर बोर्ड से संबद्ध थे. अजमेर बोर्ड से मैट्रिक करने के बाद दो साल का फैलो ऑफ आर्ट्स (एफए) और चार साल का डिग्री का कोर्स होता था. हमीदिया कॉलेज आगरा यूनिवर्सिटी से संबद्ध था. डिग्री आगरा यूनिवर्सिटी की मिलती थी, लेकिन कन्वोकेशन भोपाल में ही हो जाता था. शुरुआत में हमीदिया कॉलेज में साइंस फैकल्टी भी थी. मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय (एमवीएम) दो साल बाद शुरू हुआ.

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