Bhopal Suicide Case: जूनियर डॉक्टर की सुसाइड के 2 दिन बाद बड़ी कार्रवाई, HOD को हटाया

रवीशपाल सिंह

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Bhopal Suicide Case Aruna Kumar removed from HOD junior doctor Bala Saraswati suicide
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Bhopal Suicide Case: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) में गायनिक विभाग में जूनियर डॉक्टर और आंध्रप्रदेश की रहने वाली डॉक्टर बाला सरस्वती (Dr. Balasaraswati) सुसाइड केस में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Vishwas Sarang) ने बड़ी कार्रवाई की है. उनके निर्देश के बाद डॉ. अरुणा कुमार को विभागाध्यक्ष (HOD) पद से हटा दिया गया. घटना संज्ञान में आने के बाद ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने डीन को गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रशासकीय सुगमता बहाल करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद डॉ. अरुणा कुमार को हटाने के आदेश बुधवार शाम जारी कर दिए गए हैं.

बता दें कि जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती ने अपने सुसाइड नोट में कहा था, “जीएमसी बहुत जहरीला है और उन्हें अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ कॉलेज चुनने का अफसोस है. इन लोगों में नैतिकता की कमी है और इनमें मेरे खिलाफ बहुत जहर भरा हुआ है.” पुलिस को सुसाइड नोट मृतका डॉक्टर के फोन पर एक ऐप में मिला है. इस पूरे मामले पर एसीपी शाहजहानाबाद उमेश तिवारी का कहना है, ‘हम मामले की जांच कर रहे हैं. फिलहाल कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है.’

डॉ. सरस्वती के सुसाइड नोट मिलने के दो दिन बाद ये एक्शन लिया गया है. डॉ. अरुणा कुमार के स्थान पर विभाग की ही डॉ. भारती सिंह परिहार को प्रभारी एचओडी बनाया गया है. इससे पहले, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद राय और अस्पताल अधीक्षक डॉ. आशीष गोहिया से कॉलेज में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों की मांगों के संबंध में मीटिंग की थी.

वहीं, जीएमसी कॉलेज काउंसिल की मीटिंग दोपहर 2 बजे हुई. इसमें काउंसिल सदस्यों ने डॉ. बाला सरस्वती सुसाइड केस के बाद शुरू हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म कराने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर और एचओडी डॉ. अरुणा कुमार से इस्तीफा मांगा था.

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जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर

जीएमसी में 27 वर्षीय डॉ. बाला सरस्वती की आत्महत्या के बाद से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. जूनियर डॉक्टर उनके सुसाइड नोट में लिखे वरिष्ठ डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. जेयूडीए सदस्यों और जीएमसी डॉक्टरों की हड़ताल से अस्पताल में सेवाएं ठप हो गई हैं. पिछले 24 घंटों में लगभग बड़ी संख्या में सर्जरी टाली गई हैं. केवल आपातकालीन सर्जरी ही की जा रही हैं. हड़ताल का असर हमीदिया अस्पताल के मरीजों पर भी पड़ा है और कई मरीजों को बिना इलाज के ही लौटना पड़ा है.

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