MP Election 2023: कब कम होंगी सिंधिया की मुश्किलें? अब इस कट्टर समर्थक ने छोड़ी पार्टी

हेमंत शर्मा

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Jyotiraditya Scindia's supporter leave bjp, mp news, madhya pradesh
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MP Election 2023: जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) का समय नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे ही सिंधिया समर्थक कई नेता बीजेपी को छोड़कर अन्य दलों में शामिल हो रहे हैं. इसी कड़ी में सिंधिया (Jyotiraditya Scindhia) के एक और कट्टर समर्थक का नाम शामिल हो गया है, जिन्होंने सिंधिया और बीजेपी (BJP) का साथ छोड़ते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया है. सिंधिया के यह कट्टर समर्थक मुरैना जिले की संबलगढ़ विधानसभा सीट से आते हैं और इनका नाम संजय फक्कड़ (Sanjay Fakkad)  है.

संजय फक्कड़ सिंधिया घराने के वफादार माने जाते रहे हैं. माधवराव सिंधिया के समय से संजय फक्कड़ सिंधिया घराने के कट्टर समर्थक रहे हैं. कांग्रेस पार्टी में कई जिम्मेदारियां संभालने के बाद संजय फक्कड़ एक झटके में अपने महाराज के साथ कांग्रेस को अलविदा कहकर बीजेपी में शामिल हो गए थे, लेकिन अब उन्होंने अपने महाराज को ही अलविदा कह दिया है.

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सिंधिया समर्थक ने थामा आप का दामन

संजय फक्कड़ ने दिल्ली पहुंचकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक के समक्ष आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. इस बारे में जब एमपी तक की टीम ने संजय फक्कड़ से संपर्क किया तो उन्होंने टिकट न मिलने का दर्द बयां किया. संजय फक्कड़ ने कहा, ‘वह बड़े महाराज (माधवराव सिंधिया) के समय से सिंधिया घराने के वफादार हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ में बीजेपी शामिल हो गए. उन्हें उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें सबलगढ़ विधानसभा से अपना प्रत्याशी बनाएगी.’ ऐसा नहीं होने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी.

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इस वजह से छोड़ी बीजेपी

संजय फक्कड़ ने बताया कि साल 2023 के विधानसभा चुनाव की पहली सूची में ही भाजपा ने सरला रावत को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया, इस वजह से संजय फक्कड़ काफी दुखी हो गए. उन्होंने इस बात की जानकारी सिंधिया को दी. संजय फक्कड़ ने बताया कि वह महाराज से दिल्ली में जाकर मिले और उन्हें बताया कि उन्हें टिकट नहीं मिला है. संजय फक्कड़ ने बताया कि वे सिंधिया और बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से लगातार संपर्क कर रहे थे और यह कोशिश कर रहे थे कि भाजपा उन्हें अपना प्रत्याशी सबलगढ़ से घोषित करे, लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं किया और बीजेपी ने एक ही परिवार के व्यक्ति को एक बार फिर से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतार दिया.

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सिंधिया को बताया पार्टी छोड़ रहे

संजय ने कहा कि पार्टी छोड़ने का निर्णय लेने से पहले उन्होंने एक बार फिर से सिंधिया जी से मुलाकात की थी और उन्हें बताया था कि वह बीजेपी पार्टी छोड़ रहे हैं, लेकिन उनके महाराज ने उनकी इस बात का कोई जवाब नहीं दिया. महाराज ने दो टूक कह दिया की पार्टी के लिए काम करते रहिए, जिसके बाद संजय फक्कड़ ने महाराज और भाजपा दोनों का दामन छोड़ दिया और आम आदमी पार्टी का साथ पकड़ लिया. संजय फक्कड़ बताते हैं वे बीते कई साल से सबलगढ़ विधानसभा में सक्रिय हैं. वे अब जनता के बीच जाएंगे और अगर आम आदमी पार्टी ने उन्हें मौका दिया तो वह चुनाव लड़ेंगे. संजय फक्कड़ ने दावा किया है कि वह विजयपुर विधानसभा सीट और जौरा विधानसभा सीट पर अच्छा प्रभाव रखते हैं, इन दोनों विधानसभा सीट पर भी वे बीजेपी को नुकसान पहुंचाएंगे.

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कांग्रेस, भाजपा फिर थामा आप का दामन

संजय फक्कड़ ने अपनी राजनीति की शुरुआत महत्व 14 साल की उम्र से ही कर दी थी. उन्होंने 14 साल की उम्र में एनएसयूआई ज्वाइन की थी और फिर वह लगातार आगे बढ़ते रहे. जिला कांग्रेस कमेटी में संगठन मंत्री भी रहे. इसके अलावा उन्हें अलग-अलग समय पर अलग-अलग जिम्मेदारियां भी कांग्रेस पार्टी की तरफ से सौंपी जाती रही. वे अटेर में हुए उपचुनाव में भी प्रभारी बनाए गए थे. इसके अलावा लोकसभा चुनाव में बमोरी के भी चुनाव प्रभारी बनाए गए थे. साल 2018 में भी संजय फक्कड़ ने कांग्रेस पार्टी से सबलगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था. इसके बाद साल 2020 में वे अपने महाराज के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे.

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सबलगढ़ विधानसभा सीट

सबलगढ़ विधानसभा सीट से साल 1985 से लगातार मेहरबान सिंह रावत को बीजेपी टिकट देती आ रही है. साल 2018 में भी मेहरबान सिंह रावत की पुत्रवधू को भाजपा ने टिकट दिया था. अब एक बार फिर से इस साल 2023 में मेहरबान सिंह रावत की पुत्रवधू को भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है. पिछले 40 साल से लगातार एक ही परिवार को टिकट दिए जाने से संजय फक्कड़ काफी नाराज है. संजय फक्कड़ का कहना है कि वह सबलगढ़ विधानसभा सीट पर आगामी चुनाव में ताल ठोकेंगे.

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