ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख दांव पर! सिंधिया समर्थक इन मंत्रियों की सीटों ने बढ़ाई टेंशन
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Madhya Pradesh Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे जारी होने में महज कुछ ही दिन बाकी हैं. 3 दिसंबर को साफ हो जाएगा कि MP की जनता की पसंद कौन है और किसे मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सत्ता की चाबी हासिल होगी. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindhia) भलें ही चुनावी मैदान में नहीं हैं, लेकिन फिर भी उनकी भी साख दांव पर लगी हुई है.
सिंधिया समर्थक कई मंत्री मध्य प्रदेश के चुनावी मैदान में हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया के कई करीबी की सीटों पर पेंच फंसा आ रहा है. 2020 के विधानसभा चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस प्रचार की कमान संभाली हुई थी. 2020 के चुनावों में ग्वालियर-चंबल इलाके में कांग्रेस को जबरदस्त फायदा मिला था, जिसका श्रेय सिंधिया को दिया जाता है. सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी को उम्मीद थी कि ग्वालियर-चंबल इलाके में इसका खासा फायदा मिलेगा. लेकिन सिंधिया समर्थक मंत्रियों की सीटों ने बीजेपी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की टेंशन बढ़ा दी है.
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इन मंत्रियों की सीटों पर कड़ी टक्कर
ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कई मंत्री मध्य प्रदेश के चुनावी मैदान में हैं. पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया बमौरी से प्रत्याशी हैं. यहां पर कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. पोहरी से सुरेश राठखेड़ा चुनाव लड़ रहे हैं. उन्हें भी विरोध झेलना पड़ा है. जानकारों के मुताबिक सुरेश राठखेड़ा की सीट ने सिंधिया की टेंशन बढ़ाई हुई है. गोविंद सिंह राजपूत सुरखी से प्रत्याशी हैं. सुरखी का चुनाव भी टक्कर है, हालांकि अगर आंकलन के मुताबिक उनकी स्थिति मजबूत है.
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मंत्रियों ने बढ़ाई सिंधिया की टेंशन
सिंधिया के सबसे बड़े समर्थकों में शामिल इमरती देवी की साख भी दांव पर है. पूर्व मंत्री इमरती देवी डबरा से प्रत्याशी हैं. उनका मुकाबला उनके समधी सुरेश राजे से है. 2018 के उपचुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. जिसकी वजह से उनकी राह मुश्किल मानी जा रही है. इंदौर के सांवेर सीट से सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसीराम सिलावट की सीट पर भी कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. सिंधिया समर्थक जजपाल सिंह जज्जी को अशोकनगर जिले से बीजेपी प्रत्याशी हैं. वे पहले कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं. जज्जी को भी कड़ी टक्कर मिल रही है.
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ज्योतिरादित्य सिंधिया के कई करीबी नेताओं की सीटों पर पेंच फंसा आ रहा है. सिंधिया ने अपने समर्थकों के लिए जोर-शोर से प्रचार किया. चुनावों के दौरान वे अलग अंदाज में थे और फुल एक्शन मोड में नजर आए. माना जा रहा है कि इन मंत्रियों की जीत-हार का असर सिंधिया की साख पर भी पड़ेगा.
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