MP किसका: कौन देगा कमलनाथ को छिंदवाड़ा में टक्कर, BJP की ये रणनीति आई सामने!

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MP ASSEMBLY ELECTION 2023 MP ELECTION 2023 Kamal Nath,BJP Kailash Vijayvargiya prahlad patel Swami Akhileshwaranand CONGRESS Shivraj Singh Chouhan Chhindwara Assembly Election 2023 MP Assembly Election 2023
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MP ELection 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) को महज चंद दिनों का समय बचा हुआ है. इसके पहले प्रदेश में दोनों ही राजनीतिक दलों ने अपनी VIP सीटों पर तैयारियां तेज कर दी है. कांग्रेस (Congress) की परंपरागत सीट तो बीजेपी (BJP) के गढ़ पर कांग्रेस सेंध लगाने  की तैयारियों में लगी हुई है. इन्हीं सब में प्रदेश की सबसे बड़ी VIP सीट छिंदवाड़ा (Chhindwara) है. यहां इस बार का विधानसभा चुनाव पिछले चुनावों की अपेक्षा कुछ अलग हो सकता है.

दरअसल छिंदवाड़ा विधानसभा हो या फिर लोकसभा क्षेत्र यहां हमेशा से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है. यहां से लगातार कमलनाथ या उनके परिवार के लोग ही चुनकर आते हैं. यही कारण है कि बीजेपी कांग्रेस के इस किले को भेदना चाहती है. इसके लिए व्यूह रचना बनाने का काम लंबे समय से किया जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ को घेरने के लिए BJP इस बार के विधानसभा चुनाव में चौंकाने वाला चेहरा मैदान में उतार सकती है. 

क्या है छिंदवाड़ा का राजनीतिक इतिहास

बीजेपी छिंदवाड़ा में अपने आप को काबिज करने की लंबे समय से कोशिश करती आ रही है. यहां के पिछले 12 लोकसभा चुनावों की बात करें तो 11 बार कमलनाथ या फिर उनके परिवार का ही सदस्य चुनकर आया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद यहां से 9 बार सांसद चुनकर आए हैं. 2019 के लोकसभा चुनावाें में प्रदेश में केवल कांग्रेस की एक सीट आई थी, और वो भी कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ जीते थे. कमलनाथ को छिंदवाड़ा से केवल एक ही बार हार का मुंह देखना पड़ा है. जब यहां से बीजेपी ने सुंदरलाल पटवा को चुनावी मैदान में उतारा था. तब कमलनाथ को हार सामना करना पड़ा था.   

कमलनाथ को घेरने की तैयारी में बीजेपी

मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमान कमलनाथ के हाथों में है, और पार्टी उन्हीं के चेहरे पर चुनावी मैदान में उतर रही है. ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी छोड़कर जा चुके हैं और दिग्विजय सिंह की पकड़ पहले जैसे नहीं रह गई है. इस तरह से कमलनाथ के ऊपर ही कांग्रेस का पूरा दारोमदार टिका हुआ है. पिछले छह सालों से कमलनाथ अपना पूरा फोकस मध्य प्रदेश पर कर रखा है. 2018 में जीतकर सीएम बने थे, लेकिन सिंधिया और उनके समर्थकों के बगावत के बाद कमलनाथ की कुर्सी चली गई थी. मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी कमलनाथ ने एमपी नहीं छोड़ा और अकेले दम पर कांग्रेस को जिताने के लिए मशक्कत कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी की कोशिश कमलनाथ को उनके ही घर में उलझाकर मध्य प्रदेश जीतने की कवायद कर रही है.

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कैसा रहा पिछला चुनाव?

विधानसभा उपचुनाव यहां से बीजेपी के प्रत्याशी विवेक बंटी साहू 2019 में कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़कर हार गए थे.  एक बार फिर से टिकट की दावेदारी जता रहे हैं. वर्तमान में पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं. बीजेपी को यहां मजबूत चेहरे की तलाश है, पार्टी यहां चौंकाते हुए किसी बाहरी मजबूत प्रत्याशी को भी उतार सकती है.  

क्या है जातिगत समीकरण?

छिंदवाड़ा की आबादी करीब 21 लाख है. जिनमें से 75 फीसदी आबादी गांवों में निवास करती है. कमलनाथ के चलते छिंदवाड़ा में कई कंपनियां हैं, जिनमें गांव में रहने वाले हजारों आदिवासी मजदूरी का काम करते हैं. यही कारण है कि यहां से कांग्रेस हर बार चुनकर आती है. यहां मुख्य भूमिका में ओबीसी वोटर हैं. जो चुनाव की दिशा और दशा तय करते हैं.

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