MP: गांधी सागर सेंचुरी में चीतों को बसाए जाने पर वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार को घेरा, कही ये बात

एमपी तक

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BJP MP Varun Gandhi criticises governments plan to import cheetahs emphasising the need to protect Indian species instead
BJP MP Varun Gandhi criticises governments plan to import cheetahs emphasising the need to protect Indian species instead
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Kuno National Park: बीजेपी सांसद वरूण गांधी अक्सर पार्टी लाइन से इतर चलते नजर आते हैं, और अक्सर वे अपनी ही पार्टी पर सवाल या निशान खड़े करते रहते हैं. वरुण गांधी ने एक बार अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने मध्यप्रदेश में कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने चीतों के साथ क्रूरता और लापरवाही के आरोप भी लगाए हैं. आपको बता दें की सरकार ने गांधी सागर सेंचुरी में चीता सफारी को शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली है. इस वरुण गांधी ने सरकार की इस योजना पर सवाल खड़े किए हैं.

वरुण गांधी ने कहा कि ‘विदेशों से जानवरों को मंगाने से अच्छा होता कि हम भारत की विलुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण करते, दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में 5 महीने के दौरान 9 चीतों की मौत हुई है. इस बीच फिर से अफ्रीका से चीतों का एक बैच लाने की पहल शुरू हुई है. इसी बात को लेकर वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार को घेरा है.

संरक्षण पर देना होगा ध्यान

सोशल मीडिया पर वरुण गांधी ने लिखा कि अफ्रीका से चीतों को भारत लाना और उनमें से नौ को विदेशी भूमि में मरने के लिए छोड़ देना न केवल क्रूरता है, बल्कि यह लापरवाही का एक भयावह प्रदर्शन है, हमें इन शानदार प्राणियों का दर्द बढ़ाने के बजाय अपनी लुप्तप्राय प्रजातियों और आवासों के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.  

चीता प्रोजेक्ट को हुआ एक साल

देश में चीतों के विलुप्त होने के बाद उन्हें फिर से बसाने की भारत की महत्वाकांक्षी पहल ‘प्रोजेक्ट चीता’ को  आज एक साल हो गया है. यह पहल पिछले साल 17 सितंबर को शुरू हुई जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए चीतों के एक समूह को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान के एक बाड़े में छोड़ा. तब से, इस परियोजना पर दुनिया भर के संरक्षणवादियों और विशेषज्ञों द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है. मार्च के बाद से इनमें से छह वयस्क चीतों की अलग-अलग कारणों से मौत हो चुकी है. मई में, मादा नामीबियाई चीता से पैदा हुए चार शावकों में से तीन की अत्यधिक गर्मी के कारण मृत्यु हो गई थी. यही कारण है कि इस प्रोजेक्ट पर सबकी नजर है. 

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