बीजेपी को एक बार फिर लगा बड़ा झटका, चुनाव से ठीक पहले इस दर्जा राज्यमंत्री ने दिया इस्तीफा
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश में चुनावों से पहले बीजेपी को लगातार झटके लग रहे हैं. अब अशोकनगर जिले में भी एक कद्दावर राजनीतिक परिवार से जुड़े और वर्तमान में मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त अजय यादव ने भाजपा छोड़ने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने प्रदेश कार्यालय में इस्तीफे के पत्र भी भेजा है.
कुछ माह पहले ही उनके बड़े भाई यादवेंद्र यादव ने भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ली थी और यादवेंद्र यादव आगामी विधानसभा चुनाव में मुंगावली विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी भी बनाये गए हैं. साथ ही उनकी मां बाईसाहब यादव ने भी अपना इस्तीफा दे दिया, आपको बता दें कि बाई साहब यादव पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रही है व वर्तमान में जिला जनपद सदस्य हैं.
अब बनेंगे कांग्रेस का चेहरा
2018 के उपचुनाव में भाजपा ने बाई साहब यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वो चुनाव हार गई थी. अजय यादव और उनका परिवार जिले के कद्दावर माने जाने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व. देशराज सिंह यादव के पुत्र हैं. पिता से विरासत में मिली राजनीति से अलग हटकर अब दोनों बेटे अजय व यादवेंद्र व उनकी मां कांग्रेस का चेहरा बनेंगे.
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कौन है अजय यादव, जिसका अशोकनगर में है दबदबा?
अशोकनगर की राजनीति का एक सशक्त नाम स्व.देशराज सिंह यादव जो कि जिले की आजीवन भाजपा की रीढ़ की हड्डी रहे. उनके निधन के बाद उनकी पत्नी बाईसाहब यादव और 2 पुत्र यादवेंद्र व अजय यादव भी भाजपा में रहकर अनेक पदों पर रहे. लेकिन बदले राजनीतिक समीकरणों के बाद आये राजनीतिक आंधी से ये दोनों भी अछूते नही रह पाए. अंततः कुछ माह पूर्व यादवेंद्र यादव कांग्रेस से जुड़ गए और 2023 के विधानसभा चुनाव में मुंगावली विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी बने.
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अब भाई के पदचिन्हों पर चलते हुए अजय यादव ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. आगामी 20 अक्टूबर को अपने पैतृक गांव अमरोद में कांग्रेस की सदयता लेने का फैसला कर लिया है. अजय के इस इस्तीफे पर उनके बड़े भाई और कुछ माह पहले ही कांग्रेस से जुड़कर मुंगावली से प्रत्याशी यादवेंद्र यादव ने खुशी जताई है. यादवेंद्र के अनुसार अजय को राज्यमंत्री दर्जा सिर्फ नाम भर के लिए दिया गया था. उनसे जुड़े और आमजन के लिए किसी भी कार्य के लिए उन्हें परेशान होना पड़ता था. कुल मिलाकर भाजपा में रहते वे खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे.
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