राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद न्याय यात्रा भी MP के इन शहरों से गुजरेगी, निशाने पर लोकसभा चुनाव!
ADVERTISEMENT
Congress Bharat Jodo Yatra: देश में आने वाले साल में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए देखा जाए तो अब महज कुछ ही महिनों का समय बचा हुआ है. इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर पैदल यात्रा पर निकलने वाले हैं. आपको बता दें 2024 के चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा फैसला किया है. कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब दूसरी यात्रा निकालने की घोषणा की है. कांग्रेस ने इस यात्रा का नाम ‘भारत न्याय यात्रा’ रखा है, जोकि 14 जनवरी से शुरू होगी. मणिपुर से मुंबई तक होने वाली इस यात्रा में कांग्रेस 6,200 किलो मीटर की देरी तय करेगी. ये यात्रा मध्य प्रदेश से होकर भी गुजरेगी.
जानकारी के मुताबिक भारत न्याय यात्रा की शुरुआत 14 जनवरी से होगी, जोकि 20 मार्च तक चलेगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे. कांग्रेस की ये यात्रा पहले की तरह पूरी पैदल नहीं होगी. इसमें सुविधा अनुसार लोग बसों से भी जा सकते हैं. अब देखना होगा कि कांग्रेस ने बीते दिन अपनी कार्यकारिणी भंग कर दी थी, जब ये यात्रा मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी तो कार्यकारिणी बना पायगी या नहीं…
मध्य प्रदेश में पहले कहां से निकली थी यात्रा
पिछले साल 23 नवंबर से चार दिसंबर 2022 के बीच ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र के छह जिलों: बुरहानपुर,खंडवा, खरगोन,इंदौर,उज्जैन और आगर मालवा से होकर 380 किमी की दूरी तय की. इस बार ऐसा माना जा रहा है कि इस यात्रा का रूट अपोजिट होगा. ताकि दूसरा क्षेत्र कवर किया जा सके. फिलहाल अभी ये जानकारी सामने नहीं आई है कि ये यात्रा किन जिलों से होकर गुजरेगी. बात करें सूत्रों की तो यात्रा करीब 5 लोकसभा सीटों से होकर गुजर सकती है.
ये भी पढ़ें: CM मोहन यादव ने शिवराज सरकार के इस बड़े फैसले को बदला, भोपाल में दिखेगा असर
ADVERTISEMENT
यह भी पढ़ें...
14 राज्यों के 85 जिलों को कवर करेगी यात्रा
इस मेगा यात्रा में बस का इस्तेमाल किया जाएगा, जिनके जरिए 14 राज्यों के 85 जिलों का कवर किया जाएगा. 6200 किलोमीटर की इस यात्रा में कांग्रेस जिन राज्यों को कवर करेगी, उनमें मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं. इस यात्रा में अधिकतम लोगों तक पहुंचने वाली बस होगी. इसके अलावा यात्रा में शामिल नेता समय-समय पर कुछ देर तक पैदल भी चलेंगे.
भारत न्याय यात्रा क्यों रखा गया नाम?
वहीं जब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश से पूछा गया कि इस यात्रा का नाम न्याय यात्रा क्यों रखा गया, तो उन्होंने कहा कि हम जनता को आश्वासन को दिलाना चाहते हैं कि आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक न्याय उपलब्ध कराएंगे. पहली यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरी थी, जबकि ये दूसरीयात्रा 14 राज्यों से होकर गुजरेगी.
ADVERTISEMENT
ये भी पढ़ें: MPTAK Live: मंत्रियों के विभाग बंटवारे को लेकर मंथन जारी, किसान परिवार का बेटा बना अफसर
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT