Khargone: स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे! ड्यूटी से गायब मिले जिले भर के CHO कर्मचारी, मरीज परेशान
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Khargone News: मध्यप्रदेश के किसी भी जिलें में आपको स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही देखने को मिल जाएगी. चाहे फिर इलाज के लिए तरसते ग्रामीण हो या फिर एंबुलेंस के लिए शासन- प्रसाशन से गुहान हो, ऐसे मामले प्रदेश भर से लगभग हर रोज देखने को मिल ही जाते हैं. ताजा मामा मामला खरगोन जिले से है. यहां जिले 245 कम्युनिटी हेल्थ अफसर (सीएचओ) अपने मुख्यालय से नदारत मिले. ऐसा पहली बार नहीं है वे सभी सीएचओ अक्सर ही गायब पाए जाते हैं. 245 में से केवल 33 सीएचओ ही मुख्यालय पर पाए गए. जब इस पूरे मामले की जानकारी सीएमएचओ को लगी तो उसके तुरंत बाद सभी गायब सीएचओ को नोटिस जारी कर दिया गया है.
स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सरकार करोड़ों रुपए का फंड उपलब्ध कराती है, लेकिन दवाइयाें के निशुल्क वितरण और स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिलेभर में कम्युनिटी हेल्थ अफसर नियुक्त किये गए हैं. इन सभी को गरीबों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का काम सौंपा गया था, लेकिन जिम्मेदारी बखूबी निभाने के लिए कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसरों को मुख्यालय पर रहना जरूरी है. जिले के 278 में से 245 को मुख्यालय पर ही निवास नहीं करते हैं. इन सभी को अब नोटिस जारी किया गया है.
सीएमएचओ ने दिये कार्रवाई के आदेश
सीएमएचओ कार्यालय ने कार्रवाई के लिए फ्री हैंड करते हुए पूरे विभाग में कसावट लाने के लिए बीएमओ को कार्याें की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं. खासकर ऐसे सीएचओ जो मुख्यालय पर निवास नहीं करते हैं. उनकी सेवा समाप्ति का नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही जिनकी सार्थक पर हेड क्वार्टर से उपस्थिति दर्ज नहीं है तो उनका वेतन नहीं दिया जाए. सीएमएचओ डॉ. सिसौदिया ने बताया जिले में 278 सीएचओ पदस्थ है. इनमें सिर्फ 33 मुख्यालय पर निवास करते हैं. 245 मुख्यालय पर नहीं रहते हैं. इनमें महेश्वर और मंडलेश्वर क्षेत्र के सीएचओ ज्यादा है.
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ये है कम्युनिटी हेल्थ अफसर का काम
हेल्थ वेलनेस सेंटर पर निवास कर हेल्थ वैलनेस गतिविधियों का आयोजन करना.
नॉन कम्युनिकेबल डिसीज की स्क्रीनिंग कर आवश्यक उपचार प्रदान करना.
संस्था पर प्रतिदिन ओपीडी के माध्यम से जनरल रोगियों का उपचार करना। टेलीमेडिसिन के माध्यम से शुगर ब्लड प्रेशर रोगियों का उपचार करना.
टीकाकरण कार्यक्रम अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की आवश्यक प्रयोगशाला जांच करना.
सिकलसेल जांच करना पॉजिटिव पाए गए रोगियों को आगामी जांच के लिए सैंपल लेकर उच्च संस्था पर भेजना.
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