VIDEO: अपनी मां Madhavi Raje का अस्थि संचय करते-करते रो पड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया

हेमंत शर्मा

17 May 2024 (अपडेटेड: May 17 2024 6:06 PM)

Madhavi Raje Scindia Last Rites: सिंधिया घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. गुरुवार को ग्वालियर राजमहल की छत्री में उनका दाह संस्कार किया गया. इसके बाद आज उनके बेटे सिंधिया अस्थि संकलन के लिए पहुंचे हैं. मां को खोने का गम सिंधिया की आंखों में साफ नजर आ रहा है.

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Scindia Mothers Last Rites: मां को खोने के बाद गम में डूबे ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार की सुबह एक बार फिर छतरी मैदान पहुंच गए. मां माधवी राजे के अंतिम संस्कार के बाद सिंधिया ने सारी रस्में निभाईं. जब वह अपनी मां की अस्थियों को चुन रहे थे तो उनकी आंखों से आंसुओं की धार बह रही थी. देखिए ये खास VIDEO रिपोर्ट...

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बुधवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया था. जिसके बाद गुरुवार सुबह उन्हें ग्वालियर लाया गया और महल के छत्री मैदान में अंतिम संस्कार किया गया. उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुखाग्नि दी. इसके बाद पूरे रीति-रिवाजों के साथ रातमाता का अंतिम संस्कार किया गया. 

अस्थि संचय करने पहुंचे सिंधिया

राजामाता माधवी राजे सिंधिया के दाह संस्कार के अगले दिन अस्थि संचय करने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया अस्थि संचय करने के लिए पहुंचे, ये वही जगह है, जहां पर माधवी राजे का अंतिम संस्कार किया गया था. मां के गम में डूबे ज्योतिरादित्य सिंधिया जब अस्थि संचय कर रहे थे तो उनकी आंखों में आंसू थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हिंदू- रीति रिवाजों के साथ सिंधिया परिवार के राजपुरोहितों ने राजसी परंपरा के तहत विधि विधान से पूजन कराया. 

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तीन कलशों में रखी अस्थियां

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विधि विधान से पूजन करने के बाद अपनी माता की अस्थियां एकत्रित की. तीन कलशों में इन अस्थियों को रखा गया. यह सभी कलश राजसी परंपरा के तहत 9 दिनों तक पेड़ पर बांधे जाएंगे. दसवें दिन इन कलशों को उज्जैन, इलाहाबाद और महाराष्ट्र के कांडेढ़ गांव भेजा जाएगा. जहां राजसी परम्परा के तहत अस्थि विसर्जन किया जाएगा.

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