Budhni Assembly By-Election: पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत बुधनी विधानसभा सीट अब रिक्त हो गई है. शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफा देने के बाद ये सीट रिक्त हो गई है. ऐसा होने की वजह से कांग्रेस को यहां दशकों बाद अपनी जीत की संभावनाएं नजर आई हैं. इसलिए कांग्रेस बुधनी विधानसभा के लिए होने वाले उपचुनाव को जीतने रणनीति बनाने में जुट गई है.
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जब तक शिवराज सिंह चौहान बुधनी सीट पर चुनाव लड़ते रहे, तब तक कांग्रेस को यहां सिर्फ हार मिली. शिवराज सिंह चौहान सीहोर जिले की बुधनी सीट पर पिछले 6 बार से विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं. पिछले 25 साल से कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार बुधनी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सका है. आखिरी बार 1998 में बुधनी सीट पर कांग्रेस के देव कुमार पटेल को यहां से जीत मिली थी लेकिन इसके बाद से बीजेपी लगातार इस सीट को जीत रही है.
चूंकि अब शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी ने केंद्र में भेज दिया है. ऐसे में उनके इस्तीफा देने के बाद ये सीट खाली हो गई है. अब कांग्रेस को लग रहा है कि इस बार उनके लिए यहां कोई चांस बन सकता है. इसलिए कांग्रेस ने विधायक जयवर्धन सिंह और शैलेंद्र पटेल के नेतृत्व में ग्राउंड पर रणनीति बनाने और सही उम्मीदवार का चयन करने एक दल बुधनी विधानसभा क्षेत्र में भेजा जहां पर इन्होंने कई लोगों से चर्चा की.
कांग्रेस कर रही कुछ नामों पर मंथन
इसके बाद जयवर्धन सिंह और शैलेंद्र पटेल ने बनाई गई रणनीति को पीसीसी चीफ जीतू पटवारी से साझा किया है. अब कांग्रेस ने कुछ नामों पर चर्चा की है, जिन्हें बुधनी विधानसभा के उपचुनाव में खड़ा किया जा सकता है. नामों पर मंथन चल रहा है और जल्द ही कांग्रेस बुधनी सीट के लिए अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान भी करेगी. देखना होगा कि क्या इस बार कांग्रेस के लिए बुधनी सीट पर कोई मौका बन सकता है. क्या 25 साल से जीत की राह देख रही कांग्रेस को यहां कोई बड़ी जीत मिल सकती है या फिर बीजेपी का एकछत्र परचम यहां कायम रहता है. खबर को विस्तार से देखने के लिए वीडियो भी देखें.
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