World Music Day: दुनियाभर में MP की गूंज, किशोर कुमार से लेकर लता मंगेशकर तक भारतीय गायकी के नायाब हीरे MP की देन
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![World Music Day: दुनियाभर में MP की गूंज, किशोर कुमार से लेकर लता मंगेशकर तक भारतीय गायकी के नायाब हीरे MP की देन मध्य प्रदेश के गायकी के नायाब हीरे](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/mptak/images/story/202406/667518f9f2a21-lata-mangeshkar-shaan-kishore-kumar-210856859-16x9.jpg?size=948:533)
World Music Day: मध्य प्रदेश, एक ऐसा राज्य जो न केवल अपने प्राकृतिक सौंदर्य से भरी झीलों, नदियों और जंगलो के लिए जाना जाता है. बल्कि, अपने तौर- तरीके, अपने गौरवशाली इतिहास, अपनी विस्तृत परंपराओं और मूल रूप से अपने संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है. वैसे तो मध्य प्रदेश ने कुमार गंधर्व, बैजू बावरा, अमजद अली खां, शान, लता मंगेशकर, अली अक़बर ख़ां और किशोर कुमार जैसे गायकी के नायाब हीरे भारतीय संगीत को दिये हैं. मध्य प्रदेश और संगीत का यह मेल सालों से है. और ये अटूट है. आज बात करते हैं मध्य प्रदेश के उन गायकों की जिन्होंने अपने संगीत से लोगों के दिलों पर राज किया है. जिनकी चर्चा न सिर्फ मध्य प्रदेश में होती है बल्कि पूरे देश में इन्हें सराहना मिलती है.
बाबा अलाउद्दीन खान
बाबा खान को आधुनिक भारतीय शास्त्रीय संगीत के पितामह माना जाता है. बीती सदी और आज के तकरीबन सारे बड़े कलाकार ने या तो अलाउद्दीन खान से सीखा है या उनके किसी शिष्य से शिक्षा दीक्षा ली है. मैहर घराना भारतीय संगीत का इकलौता प्रमुख घराना है. जिसमें पीढ़ी दर पीढ़ी परिवर्तन एक परिवार के सदस्य के बजाय गुरु-शिष्य परंपरा के माध्यम से होता है. उस्ताद अलाउद्दीन खान को 1958 में संगीत नाटक अकादमी, और 1958 और 1971 में क्रमशः पद्म भूषण और पद्म विभूषण से नवाजा गया.
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अली अक़बर ख़ां
उस्ताद अली अकबर ख़ां एक भारतीय शास्त्रीय संगीत और सरोद वादक थे. जिनका ताल्लुक मैहर घराने से था. उनकी विश्वव्यापी संगीत प्रस्तुतियों ने भारतीय सरोद वादन और शास्त्रीय संगीत को विश्व पटल पर लोकप्रिय बनाया. खां साहब ने कई शास्त्रीय जुगलबंदियों में भाग लिया. उसमें सबसे प्रसिद्ध जुगलबंदी उनके समकालीन विद्यार्थी एवं बहनोई सितार वादक रवि शंकर एवं निखिल बैनर्जी के साथ रही.
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किशोर कुमार
लाखों दिलों की धड़कन, भारतीय संगीत का चेहरा किशोर कुमार जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा में एक बंगाली ब्राह्मण गांगुली परिवार में हुआ था. किशोर कुमार का पैतृक निवास आज भी खंडवा में मौजूद हैं. उनकी याद में प्रशंसकों ने किशोर कुमार की समाधि भी बनाई है. जहां उनके प्रशंसक उनसे जुड़ी यादें ताजा करने जाते हैं और किशोर कुमार की पसंदीदा दूध जलेबी का प्रसाद चढ़ाते हैं. किशोर दा ने सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार (8 बार) बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन - सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक पुरस्कार (4 बार) और लता मंगेशकर पुरस्कार जीता है.
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लता मंगेशकर
स्वर कोकिला के नाम से मशहूर गायिका लता मंगेशकर का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ है. उन्होंने करियर में 50 हजार से ज्यादा गाने गाए थे और 30 से ज्यादा भाषाओं में गाने का रिकॉर्ड भी दर्ज किया था. मध्य प्रदेश सरकार स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के नाम पर 1984 से राष्ट्रीय लता मंगेशकर पुरस्कार देती आ रही है. संगीत निर्देशन और पार्श्व गायन के क्षेत्र में ये पुरस्कार दिया जाता है.
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स्वानंद किरकिरे
अपने बेहतरीन गायकी के लिए दो बार सर्वश्रेष्ठ गीत के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता स्वानंद किरकिरे का जन्म इंदौर में हुआ था. उन्होंने निरंतर अपनी सफलता का श्रेय इंदौर को दिया है. 2018 में 66 वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में उन्होंने मराठी फिल्म चुंबक के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता. उनके गानो में आज के संगीत और पहले के तौर तरीको का अच्छा समागम देखने मिलता है.
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शांतनु मुखर्जी (शान)
शांतनु मुखर्जी उर्फ़ शान का जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में हुआ था. उन्होंने बॉलीवुड में अनेक पॉपुलर गाने गाये है और लोगों को अपना दीवाना बनाया है. उन्हें बॉलीवुड के सबसे बहुमुखी गायकों में से एक माना जाता है. उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए प्लेबैक किया और अपना निजी एल्बम भी जारी किया है. सुनियो गाने ने उन्हें फेम दिलाया.
एमपी तक के लिए वरुल चतुर्वेदी की रिपोर्ट
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