छतरपुर के शहजाद अली ने कैसे खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य? किस मुख्यमंत्री पर चलवाई थी गोलियां?
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न्यूज़ हाइलाइट्स
छतरपुर में थाने में पथराव के आरोपी शहजाद अली ने खड़ी कर दी करोड़ों की संपत्ति
शहजाद अली अभी पुलिस की पकड़ से दूर है, उसकी कोठी पर बुलडोजर कार्रवाई हुई है
Haji Shahzad Ali Chhatarpur: मध्यप्रदेश के छतरपुर की सिटी कोतवाली थाने में 21 अगस्त की दोपहर करीब 4 बजे पत्थर बाजी की घटना होती है. जिसमें पुलिस हाजी शहजाद अली को मुख्य आरोपी बनाती है. इसके साथ ही घटना में 150 लोगों पर FIR दर्ज की जाती है. जिनमें से करीब 50 लोग नामजद हैं, बाकी अन्य में शामिल हैं. जिनकी पहचान वीडियोग्राफी के माध्यम से पुलिस लगातार करने में जुटी हुई है. इसके साथ ही आरोपियों की धड़पकड़ भी लगातार जारी है.
इस घटना में अब तक करीब 32 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. मगर इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड हाजी शहजाद अली अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर बना हुआ है. आइये जानते क्यों आरोपी शहजाद के सामने खड़े होने से लोग डरने लगे थे. इस रिपोर्ट में हम उसकी पूरी क्राइम हिस्ट्री आपको बताएंगे.
शुरूआत में टैक्सी चलाया करता था शहजाद
छतरपुर में अब से करीब 25 साल पहले नए मोहल्ले में रहने वाले टैक्सी चालक जहूर अली के चार बेटे हैं. आजाद, शहजाद, फैयाज और इम्तियाज इन चारों बेटों में से शहजाद अली अब से करीब 25 साल पहले पिता जहूर अली के साथ टैक्सी चलाया करता था. जब टेक्सी चलाने में ज्यादा पैसा नहीं मिला तो शहजाद ने पुराने गर्म कपड़े दिल्ली और मुंबई से लाकर फुटपाथ पर छतरपुर में बेचना शुरू किया, फिर भी कुछ खास कमाई नहीं हुई. उसके जेहन में जल्द बड़ा आदमी बनने का सपना था.
कांग्रेस का पूर्व जिला अध्यक्ष है शहजाद अली
तभी उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. इसके लिए उसने सबसे पहले समाज में उठना-बैठना शुरू किया. फिर धीरे-धीरे समाज के लोगों को अपने विश्वास में लिया और समाज का नेता बनने लगा. शहजाद अली समाज का सदर भी बना और हज करके आया तो हाजी शहजाद अली कहलाो लगा. हाजी शहजाद अली और उनका भाई आजाद अली, फैयाज अली ने कांग्रेस ज्वाइन की और तीनों कांग्रेस में किसी न किसी पद पर आसीन भी रहे. जिसमें आजाद अली पिछले पांच बार से लगातार पार्षद चुनता आ रहा है. शहजाद अली कांग्रेस का पूर्व जिला उपाध्यक्ष है. भाई फैयाज अली भी कांग्रेस में नेतागिरी करता है.
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पूर्व मुख्यमंत्री पर चलाईं थी गोलियां
अब आप लोगों के मन में सवाल होगा कि एक पुराने कपड़े बेचने वाला कैसे करोड़पति बन गया? यानी की 10 करोड़ की हवेली का मालिक बना तो उसके लिए शहजाद अली एवं उनके भाइयों के बैकग्राउंड पर नजर डाले. जिसमें फैयाज अली ने
"एमपी में दिग्विजय सिंह कि सरकार के समय साल 1998 में भाजपा की खजुराहो से सांसद उमा भारती के ऊपर बमीठा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के दौरान अपने साथियों के साथ मिलकर गोली चलाई थी. जिस मामले को लेकर पुलिस ने फैयाज एवं उनके साथियों पर मामला भी दर्ज किया था. इस मामले में फैयाज अली को जेल भी जाना पड़ा था."
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कई और मामले हैं दर्ज
इसके साथ ही शहजाद अली पर छतरपुर की सिटी कोतवाली में दो मामले दर्ज हैं. इसके अलावा जिले के अन्य थानों में तीन मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें से 1998 में शहर के साइकिल व्यापारी बुल्ले जैन की हत्या का आरोप एवं 2016 में एक मारपीट का मामला भी दर्ज है. जब इन लोगों पर थानो में FIR होने लगी तो इन्होंने लोगो कि जमीनों एवं मकानों पर अपनी गलत नजरें भी अड़ानी शुरू कर दी.
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सरकारी और लोगों की जमीनों पर किया कब्जा
आपको बता दें कि शहजाद और उसके भाइयों ने शहर की कई कीमती जमीनों पर अपना कब्जा जमा रखा है, तो कई मामलों में कोर्ट से फैसला आने के बाद भी जमीन नहीं छोड़ी है. राजस्व विभाग में सांठगांठ के चलते कई वन विभाग की भूमियों पर भी कब्जा कर रखा है. इस तरह से शहजाद अली और उनके भाइयों ने अपराध भी किया और लोगों की जमीनों पर कब्जे के साथ-साथ सरकारी जमीनों को भी नहीं बक्शा है. कई लोग आज भी न्याय की आश लगाए बैठे हुए हैं.
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जिस हवेली को गिराया उसका सामान आया विदेश से
लोग तो यह तक बता रहे कि जिस 10 करोड़ की हवेली पर प्रशासन का बुलडोजर चला है. उसमें लगे टाइल्स लखनऊ से आए हुए थे. नहाने के लिए आलीशान बाथटप भी बना हुआ था और इस कोठी के अंदर सुंदरता बढ़ाने के लिए दुबई से झूमर भी आए हुए थे. मगर कोठी का शुभारंभ होने के पहले ही प्रशासन ने उसे मिट्टी में मिला दिया.
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