बुंदेलखंड में BJP को 2 दिन में 2 बड़े झटके, अब इस नेता ने पार्टी को कहा ‘बाय-बाय’

लोकेश चौरसिया

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MP Election 2023 Mp Politics MP News MP BJP Chhatarpur Ghasiram Patel
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MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दूसरी सूची के आने बाद से ही प्रदेश भर में पार्टी के खिलाफ बगावत देखी जा रही है. जिस दिन से दूसरी सूची जारी की गई है, उस दिन से आज तक करीब दर्जन भर नेता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं. बुंदेलखंड में भाजपा को दो दिन में दो बड़े झटके लगे हैं. पन्ना जिले के बाद अब छतरपुर में बड़ा झटका लगा है.

पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष घासीराम पटेल ने भोपाल पार्टी कार्यालय में अपना इस्तीफा पत्र भेज दिया है. वे राजनगर विधानसभा सीट से बीजेपी की तरफ से दावेदारी कर रहे थे. पार्टी ने यहां से अरविंद पटेरिया को अपना प्रत्याशी बनाया है. दो दिन पहले ही घासीराम पटेल और कांग्रेस के कई नेताओं की सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ तस्वीरें वायरल हुई थीं. तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि आने वाले दिनों में ये नेता दलबदल कर सकते हैं.

घासीराम राजनगर सीट से कर रहे थे दावेदारी

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष घासीराम पटेल जो कि राजनगर विधानसभा से दावेदारी कर रहे थे, उन्हें टिकट नहीं मिला और पार्टी ने यहां से अरविंद पटेरिया का नाम घोषित कर दिया है. घासीराम पटेल जो पूर्व में भाजपा के जिला अध्यक्ष एवं मंडी अध्यक्ष रह चुके हैं, उनकी गिनती सरल स्वभाव वाले नेताओं में की जाती है. आपको बता दें 2013 के चुनाव में भी घासीराम पटेल दलबदल कर चुके हैं. उस समय बीजेपी को राजनगर क्षेत्र से ही करारी हार का सामना करना पड़ा था. भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी ने अपनी हार के पीछे की वजह घासीराम पटेल को बताया था.

बीते रोज जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खजुराहो आए तो घासीराम पटेल उनसे मिलने पहुंचे और मुलाकात की तस्वीर अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है.

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चुनाव तो मैं लडूंगा- घासीराम

घासीराम ने MPTAK से खास बातचीत में कहा कि “वे इस विधानसभा चुनाव में मैदान में जरूर उतरेंगे. अगर उन्हें किसी भी पार्टी से टिकट दिया जाता है तो अच्छी बात है, अगर टिकट नहीं दिया गया तो वे निर्दलीय मैदान में उतरेगें. उनका साफ तौर पर कहना है कि वे चुनाव तो जरूर लड़ेंगे. अब घासीराम के चुनाव लड़ने से कहीं न कहीं बीजेपी को अंदरूनी नुकसान जरूर उठाना पड़ेगा

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